नवरात्र का षष्टम् दिवस : आज की जाएगी माता दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा, लगेगा शहद और पान का भोग
चेतन पाण्डेय
चतरा (गणादेश) : मंगलवार को शारदीय नवरात्र का छठा दिन है। इस दिन मां कात्यायनी देवी की पूजा अर्चना की जाएगी। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के छठे दिन आदि जगत जननी माता दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा और ध्यान होता है। इनकी उत्पत्ति या प्राकट्य के बारे में वामन और स्कंद पुराण में अलग-अलग बातें बताई गई हैं। मां कात्यायनी देवी दुर्गा का ही छठा रूप है। स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी। वहीं वामन पुराण के अनुसार सभी देवताओं ने अपनी ऊर्जा को बाहर निकालकर कात्यायन ऋषि के आश्रम में इकट्ठा किया और कात्यायन ऋषि ने उस शक्तिपूंज को एक देवी का रूप दिया। जो देवी पार्वती द्वारा दिए गए सिंह (शेर) पर विराजमान थी। कात्यायन ऋषि ने रूप दिया इसलिए वो दिन कात्यायनी कहलाईं और उन्होंने ही महिषासुर का वध किया। वैसे तो माता कात्यायनी की पूजा प्रदोषकाल यानी गोधूली बेला में करना श्रेष्ठ माना गया है। लेकिन नवरात्र में मां की आप प्रातः भी होती है। नवरात्र में माता शैलपुत्री सहीत अन्य देवियों की तरह इनकी भी पूजा की जाती है। इनकी पूजा में शहद और मीठा पान का प्रयोग जरूर किया जाना चाहिए। क्योंकि मां को शहद और पान बहुत पसंद है। शहद युक्त पान का भोग भी देवी कात्यायिनी को लगता है। देवी कात्यायनी की पूजा में लाल रंग के कपड़ों का भी बहुत महत्व है। माता कात्यायनी का स्वरूप अत्यन्त दिव्य, चमकीला और प्रकाशमान हैं। माता की चार भुजाएं हैं। माताजी के दाहिने ओर का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला हाथ वरमुद्रा में है। बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुसज्जित है। माता जी का वाहन सिंह है। देवी कात्यायनी की पूजा करने से भक्तजनों में शक्ति का संचार होता है और वो इनकी कृपा से अपने दुश्मनों का संहार करने में सक्षम हो पाते हैं। इनकी पूजा से हर तरह के संकट दूर हो जाते हैं। मां कात्यायनी की पूजा से अविवाहित लड़कियों के विवाह के योग बनते हैं और सुयोग्य वर भी मिलता है। देवी कात्यायनी की पूजा से रोग, शोक, संताप, भय आदि का नाश हो जाता है। देवी कात्यायनी की पूजा करने से हर तरह का भय भी दूर हो जाता है। जिस घर परिवार में भूत-प्रेत के बाधा रहती हो, जो लोग पितृ दोष से परेशान रहते हैं, जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो पा रहा हो या विवाह मार्ग में परेशानी उत्पन्न होती है, जो लोग शत्रु बाधा से परेशान रहते हैं, उन्हें आज के दिन मां कात्यायनी की विशेष पूजा अर्चना करना चाहिए। मां कात्यायनी की पूजा से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और शत्रु पर विजय की प्राप्ति होती है।