तीन दिनों के अंदर सभी जिला कृषि आच्छादन और वैकल्पिक योजना की भेजें रिपोर्ट : बादल

रांची: कृषि मंत्री बादल ने शुक्रवार को नेपाल हाउस स्थित एनआईसी सभागार में राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश दिया कि अगले 3 दिनों के अंदर कृषि से जुड़ी योजना के सभी वैकल्पिक प्लान की रूपरेखा विभाग को भेजें।
कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि अभी तक राज्य में सामान्य से 52% कम बारिश हुई है, जो कृषि के लिहाज से काफी निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 15 अगस्त तक प्लांटेशन का समय है इसके बाद ही सुखाड़ की स्थिति को लेकर फाइनल रिपोर्ट आएगी, लेकिन वैसी विकट परिस्थिति के लिए हम सभी को विभागीय स्तर पर किसानों के हित में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 28 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसल लगाने का था लेकिन मौसम की बेरुखी की वजह से अब तक 5.80 लाख हेक्टेयर जमीन पर ही फसल का आच्छादन हो पाया है। उन्होंने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य की 4400 पंचायतों पर फोकस करें और जनसेवक एटीएम, बीटीएम और कृषक मित्र के साथ बैठक कर वैकल्पिक फसल का सूत्रण किया जाए । उन्होंने क्रॉप डायवर्सिफिकेशन को लेकर निर्देश दिया और कहा कि प्रखंड स्तर पर योजना तैयार की जाए ताकि किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान खुश नहीं रहेगा तो हमारे चेहरे पर खुशी नहीं आएगी, इसलिए कृषि के कार्य में विभाग की सभी इकाइयां सहयोग करें तथा 3 दिनों के अंदर बीज, मिलेट्स और वैकल्पिक योजना तैयार करके विभाग को भेजें।
श्री बादल ने कहा कि मिलेट्स मिशन के लिए सरकार ने ₹50 करोड़ की राशि का बजट में प्रावधान रखा है इसलिए मिलेट के लिए इच्छुक किसानों का डाटा तैयार करें ताकि बजट आवंटन के साथ ही किसानों को लाभ दिया जा सके।
हर साल में 2 लाख परती जमीन को उपजाऊ बनाया जायेगा
श्री बादल ने कहा कि राज्य में करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन परती है हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि प्रत्येक वर्ष 2 लाख हेक्टेयर भूमि को कृषि योग्य बनाएं ताकि किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ सके। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि एक्शन प्लान जिला स्तर तैयार करें और जिस तरह से पिछले सुखाड़ में हमने काम किया था उसकी कार्ययोजना जमीनी स्तर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बीज वितरण का कार्य तीन दिनों में करें पूरा, नहीं तो शो कॉज- कृषि सचिव
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव श्री अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि कृषि का अभी काफी क्रिटिकल समय है और आपके लिए अभी आराम का वक्त नहीं है। किसान को इस खरीफ के मौसम में बीज पानी और आर्थिक सहयोग मिले इसका हमें पूरी शिद्दत के साथ मेहनत करने की जरूरत है। बारिश सामान्य से भी काफी कम हुई है इसलिए विभाग के पदाधिकारी होने के नाते हमारी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। विभागीय सचिव ने जिला कृषि पदाधिकारियों को कहा कि अभी तक जिन जिलों में बीज का वितरण शत प्रतिशत नहीं हुआ है वह जिले अगले 3 दिनों के अंदर बीजों का वितरण सुनिश्चित करें नहीं तो शो कॉज के लिए तैयार रहें। जिलावार एक्शन प्लान बनाएं ताकि बदलते मौसम में पेडी से क्रॉप डायवर्सिफिकेशन के बारे में सोचा जा सके और किसानों को जागरूक करते हुए वैकल्पिक योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठकर जमीन के किस्म के अनुरूप वैकल्पिक फसल योजना तैयार करें यथा मकई मडवा कोदो गोंदली , सहित दलहन तिलहन को बढ़ावा दिया जाए।जिसका लाभ अधिक से अधिक किसानों को हो ।
समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से निदेशक हॉर्टिकल्चर श्री निसार अहमद, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, अपर सचिव विधान चंद्र चौधरी, समिति निदेशक विकास कुमार, उप कृषि निदेशक योजना संतोष कुमार, उप कृषि निदेशक सामान्य मुकेश कुमार सिन्हा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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