राज्य सरकार की गलत नीतियों से प्रज्ञा संचालकों में नाराजगी,अवैध प्रज्ञा केंद्र बंद करवाने की मांग
रांची: झारखंड राज्य प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने राज्य सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद किया है।
गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रज्ञा केंद्र संचालक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रामरेख यादव ने कहा कि प्रज्ञा केंद्र राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए झारखंड के तमाम पंचायतों में 2006-2007 में डीआईटी, जेएपीईटी, डीईजीएस के द्वारा व्यवस्थित किया गया ताकि आम जनों तक पंचायत सचिवालय से जी-टूसी तथा बी-टू सी प्रखंड समन्वयक को व्यवस्थित किया गया और यह बतलाया गया कि पंचायत संचालकों को मानदेय सुविधा और सुरक्षा दी जाएगी। सभी प्रज्ञा केंद्र संचालक सरकार के आदेश पर हर सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं। प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने सरकार के तमाम योजनाओं को सरकार के आदेश अनुसार निरंतर और नियमित रूप से गांव-गांव तक निस्वार्थ भाव से पहुंचाया और जिस समय ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन और नेटवर्क का अभाव था तब संचालकों ने अपनी पूंजी लगाकर सरकार को हर संभव मदद किया है। साथ ही यह रखा की आने वाले समय में संचालकों की स्थिति मजबूत होगी।परंतु आज स्थिति बिल्कुल विपरीत है। प्रज्ञा केंद्र के नाम पर सीएससी पूरे राज्य में बंदरबांट कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक और जहां समान कार्य समान वेतन लागू है, वेतन में वृद्धि हो रही है, बेरोजगारी दूर करने की बात हो रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने प्रज्ञा केंद्र संचालक जो सुबह से शाम तक लोगों को सेवाएं देकर अथक परिश्रम कर मुश्किल से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं,उनको सहयोग करने की नहीं सोच रही है। प्रज्ञा केंद्र संचालकों के साथ भुखमरी और बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो गई है। सरकार ने हर पंचायतों में एक से अधिक अवैध प्रज्ञा केंद्र का लाइसेंस दे दिया है। राज्य सरकार को अविलंब इसपर रोक लगाना होगा, अन्यथा आने वाले दिनों में हम अभी प्रज्ञा केंद्र सड़कों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। प्रेसवार्ता में मुख्य सहायक सुभाष चंद्र मुर्मू और रितेश महलका मौजूद थे।