प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के अंतर्गत भारत के हर कोने में आज विद्युत संरचना मौजूद: संजय सेठ
रांची: आज़ादी के अमृत महोत्सव को मनाते हुए आज दिनांक 29 जून को I.M.A.भवन में आयोजित बिजली उत्सव के मंच से राँची के लोकसभा सांसद संजय सेठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गयी जनकल्याणकारी प्रधानमंत्री सहज बिजली योजना के अंतर्गत देश के हर कोने तक विद्युत् संरचना को स्थापित करने की उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) के अंतर्गत आज भारत के हर कोने तक बिजली पहुँच गई है, इस योजना को महज 6 सालों में क्रियान्वित किया गया है जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे कुशल राजनेता के दिशा निर्देश में संभव था. साल 2015 से 2021 तक चली इस योजना के अंतर्गत न सिर्फ भारत के हर टोले तक बिजली पहुँचाने का काम केंद्र सरकार ने किया अपितु गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले नागरिकों को निशुल्क बिजली का कनेक्शन दिया, बिजली जैसी मूलभूत सुविधा को जनता से दूर रखकर पूर्व की कांग्रेस सरकार ने जनता को ठगने और पीछे धकेलने का काम किया है.”
“सौभाग्य योजना से 11 लाख 41 हज़ार लोग अब तक लाभान्वित हो चुके हैं और इस परियोजना को सफलतापूर्वक करने के लिए केंद्र सरकार ने 472 करोड़ रूपये लगाए हैं, प्रधानमंत्री सहज बिजली योजना के अंतर्गत अब तक 25,000 गाँव तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है जिसकी लागत लगभग 5,500 करोड़ रुपये हैं. इस योजना के अंतर्गत अब तक गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 2 लाख 48 हज़ार परिवार लाभान्वित हो चुके हैं और उन्हें निशुल्क बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है,” सांसद संजय सेठ ने जानकारी दी.
“झारखण्ड में कुल 25 KVA के 55,000 नए ट्रांसफार्मर लगे हैं, इन्हें लगवाने के लिए केंद्र सरकार ने 3,500 करोड़ का अनुदान दिया है,” संजय सेठ ने बताया, इस मौके पर उन्होंने राँची जिला में लगे 1369 नए ट्रांसफॉर्मरों को केंद्र सरकार की राँचीवासियों को सौगात बताया, “इन ट्रांसफॉर्मरों को बनाने में कुल 430 करोड़ की लागत आयी, जिसका 60 प्रतिशत केंद्र सरकार ने दिया. इससे गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले कुल 26,382 परिवार लाभान्वित हुए और उनके जीवन में रौशनी आयी.”
केंद्र सरकार की भविष्यवादी योजना, RDSS के बारे में बताते हुए लोकसभा सांसद न कहा कि, “भारत आज ना सिर्फ बिजली का उत्पादन कर रहा है अपितु अपने तकनीक में सुधार कर रहा है. आज भारत विद्युत् उत्पादन में 3200 करोड़ रुपये बचा रही है. भविष्य में भारत विश्व में ऊर्जा का बड़ा निर्यातक बनने जा रहा है,” संजय सेठ ने बतलाया.