झारखंड में नया ट्रेंडः  अब आइएएस, आइपीएस और आइएफएस पर लग रहे यौन शोषण के आरोप,गए सलाखों के पीछे

राज्य के पूर्व पीसीसीएफ एके मल्होत्रा पर आइएफएस दीक्षा प्रसाद ने लगाया था एक्सट्रीम हरासमेंट का आरोप

रांचीः खान खदान, जमीन . टेंडर , वित्तीय अनियमितता , लापरवाही सहित अन्य आरोप झारखंड के अफसरों पर लगते रहे हैं। लेकिन इस बीच नया ट्रेंड भी चल पड़ा है। अफसर यौन शोषण के आरोप में भी घिरते जा रहे हैं। एक आइएएस और एक आइएफएस इस मामले में सलाखों के पीछे भी भेज दिए गए  हैं।
सलाखों के पीछे गए आइएएस सैय्यद रियाज अहमद
खासकर  कर झारखंड कैडर के आइएएस, आइपीएस व आइएफएस भी इस आरोप से अछूता नहीं है।  दो दिन पहले खूंटी के एसडीएम)आइएएस) सैय्यद रियाज अहमद पर सेक्सुअल हरासमेंट का गंभीर आरोप लगा।  इस मामले में उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई। इस मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया।
पूर्व पीसीसीएफ एके मल्होत्रा पर दीक्षा प्रसाद ने लगाया था आरोप
झारखंड के पूर्व पीसीसीएफ एके मल्होत्रा पर आइएफएस दीक्षा प्रसाद ने एक्सट्रीम हरासमेंट का आरोप लगाया। इस मामले को लेकर आइएफएस दीक्षा प्रसाद ने तत्कालीन चीफ सेक्रेट्री को चिट्ठी भी लिखी थी। इसके बाद पूर्व पीसीसीएफ एके मल्होत्रा की काफी फजीहत भी हुई थी। 
आइएफएस अंशुमन गए सलाखों के पीछे
गुरुवार को खबर आई कि अब 2020 बैच के आइएफएस अंशुमन राजहंस को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। उनपर दिल्ली में इंजीनियर युवती से दुष्कर्म का आरोप है। अंशुमन की पहली  पोस्टिंग पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा वन प्रमंडल में हुई थी। 21 जून को उन्होंने योगदान दिया और उसी दिन निजी कारणों का हवाला देते हुए आकस्मिक अवकाश पर चले गए। दो दिन बाद उन्होंने छुट्टी और बढ़ाने के लिए आवेदन दिया। इंजीनियर युवती ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार  दुष्कर्म के मामले में फंसने के कारण वो भागे हुए थे। उनकी गिरफ्तारी कोलकाता से हुई है।
यौन शोषण के आरोप के कारण आइएएस में प्रमोशन भी रूका
राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर देवेंद्र भूषण सिंह पर छेड़छाड़ का आरोप लगा था.ह मामला काफी चर्चा में रहा था। खूंटी थाना में केस भी दर्ज किया गया था। इस कारण देवेंद्र भूषण सिंह का आइएएस में प्रमोशन भी रूका था।
आइपीएस पी एस नटराजन पर लगा था आरोप
झारखंड कैडर के आइपीएस  पी एस नटराजन पर एक आदिवासी महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.  नटराजन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत 2005 में मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद आईपीएस पीएस नटराजन को सस्पेंड कर दिया गया था। लंबे अरसे बाद साल 2017 में नटराजन को आरोपों से बरी कर दिया गया था.

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