आपकी भागीदारी ही ‘मन की बात’ की सबसे बड़ी ताकत : पीएम मोदी

नई दिल्ली : नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आज अपने मन की बात कर रहे हैं। 101वें मन की बात में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवा संगम के पहले दौर में करीब 1200 युवाओं ने देश के 22 राज्यों का भ्रमण किया। हर कोई जो इसका हिस्सा रहा है, वह ऐसी यादों के साथ लौट रहा है, जो जीवन भर उनके दिलों में बसी रहेंगी। गुरुग्राम में एक अनूठा संग्रहालय है- म्यूजियो कैमरा। इसमें 1860 के बाद के युग से संबंधित 8,000 से अधिक कैमरों का संग्रह है। तमिलनाडु के संभावनाओं के संग्रहालय को हमारे दिव्यांग लोगों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
उन्होंने कहा कि मन की बात’ का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है। पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है। आपकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है। बीते दिनों हमने मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की। सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की। कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी तेलुगू संगमम भी हुआ। पीएम ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भावना को ताकत देने वाला ऐसे ही एक और अनूठा प्रयास देश में हुआ है। ये प्रयास है-युवा संगम का। जब ‘मन की बात’ का प्रसारण हुआ, तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग टाइम जोन में, कहीं शाम हो रही थी, तो कहीं देर रात थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बन रहे हैं। हमारे अमृत सरोवर खास हैं क्योंकि ये आजादी का अमृत काल में बन रहे हैं और लोगों के प्रयास का सार इसमें डाला गया है।
वीर सावरकर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वीर सावरकर का व्यक्तित्व शक्ति और विशालता का था। उनका निडर और स्वाभिमानी स्वभाव गुलामी की मानसिकता को बर्दाश्त नहीं कर सका।
100वें एपिसोड की खास बातें

‘मन की बात’ के ब्रॉडकास्ट के साथ एक प्रकार से पूरा देश एक सूत्र में बंध गया था। हमारे सफाईकर्मी भाई-बहन हों या फिर अलग-अलग सेक्टर्स के दिग्गज, ‘मन की बात’ ने सबको एक साथ लाने का काम किया है।
*जब मन की बात का प्रसारण हुआ तो उस वक्त दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग टाइम जोन में, कहीं शाम हो रही थी को कहीं देर रात थी। बावजूद बड़ी संख्या में 100वें एपिसोड को लोगों ने सुनने के लिए समय निकाला। मैंने हजारों मील दूर न्यूजीलैंड कावो वीडियो भी देखा, जिसमें 100 वर्ष की एक माताजी अपना आशीर्वाद दे रही हैं।
*मन की बात’ का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है। पिछले महीने हम सभी ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया है। आपकी भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है।
*आप सभी ने मन की बात के प्रति जो आत्मीयता और स्नेह मन की बात के लिए दिखाया है, वो अभूतपूर्व हैं, भावुक कर देने वाला है।
*भारत की शक्ति इसकी विविधता में है। हमारे देश में देखने के लिए बहुत कुछ है। इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने युवासंगम नाम से एक बेहतरीन पहल की है। बीते दिनों हमने मन की बात में काशी तमिल संगमम की बात की। सौराष्ट्र तमिल संगमम की बात की। कुछ समय पहले ही वाराणसी में काशी तेलुगू संगमम भी हुआ।
*एक भारत श्रेष्ठ भावना को ताकत देने वाला ऐसे ही एक और अनूठा प्रयास देश में हुआ है। ये प्रयास है- युवा संगम का। युवा संगम के पहले दौर में करीब 1200 युवाओं ने देश के 22 राज्यों का भ्रमण किया। हर कोई जो इसका हिस्सा रहा है, वह ऐसी यादों के साथ लौट रहा है, जो जीवन भर उनके दिलों में बसी रहेंगी
पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के ग्यामर न्योकुम जी से संवाद किया और कहा- आपका कैसा अनुभव रहा, इसे लेकर एक ब्लॉग लिखिए। ताकि देश के अन्य युवा साथियों के पता चले कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की योजना क्या है?
*युवा संगम को लेकर प्रधानमंत्री ने बिहार की बेटी विशाखा सिंह से संवाद किया और अपने अनुभव पर ब्लॉग लिखने को कहा।
*बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के म्यूजियम और मेमोरियल बनते देखें हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं. कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में बिप्लोबी भारत गैलरी हो या फिर जलियावालां बाग मेमोरियल का पुनुरुद्धार, देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित पीएम म्यूजियम भी आज दिल्ली की शोभा बढ़ा रहा है।
*हम सबने एक कहावत कई बार सुनी होगी, बार-बार सुनी होगी-बिन पानी सब सून। बिना पानी जीवन पर संकट तो रहता ही है, व्यक्ति और देश का विकास भी ठप्प पड़ जाता है। भविष्य की इसी चुनौती को देखते हुए आज देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।
*2010 में स्थापित भारतीय युद्ध स्मारक एक तरह का Online Museum है। ये जो दुनियाभर से भेजी गयी तस्वीरों और कहानियों के माध्यम से भारत के गौरवशाली इतिहास की कड़ियों को जोड़ने में जुटा है, विभाजन की विभिषिका से जुड़ी स्मृतियों को भी सामने लाने का प्रयास किया गया है।
*विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उनके के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वभाव को गुलामी की मानसिकता बिलकुल भी रास नहीं आती थी। आज वीर सावरकर जी की जयंती है। उनके त्याग, साहस और संकल्प-शक्ति से जुड़ी गाथाएं आज भी हम सबको प्रेरित करती हैं। मैं वो दिन भूल नहीं सकता, जब मैं अंडमान में, उस कोठरी में गया था, जहां वीर सावरकर ने काला पानी की सजा काटी थी।

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