मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण में 175 महिलाओं को मिला प्रमाण पत्र
खूंटी: कृषि पशुपालन एवम सहकारिता विभाग के उद्यान निदेशालय द्वारा बागवानी मिशन के तहत ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण बीते शुक्रवार को खूंटी के कर्रा स्थित मनरेगा पार्क में संपन्न हो गया।
यह प्रशिक्षण एपीपी एग्रीगेट मशरूम उत्पादन केंद्र खूंटी के द्वारा दिया गया। जिले के डीसी शशिरंजन, डीडीसी नीतिश कुमार सिंह, एसडीएम,कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने लाभार्थियों के बीच प्रमाण पत्र दिया। इन पांच दिनों में लाभार्थियों ने मशरूम उत्पादन से जुडी सभी तरह की जानकारियां हासिल की। यही नहीं उन्हें प्रैक्टिकल भी कराया गया। मशरूम उत्पादन से जुडी बातों पर परिचर्चा भी कराया गया। प्रशिक्षण में भाग लेने वाली महिलाओं में मशरूम उत्पादन के प्रति काफी उत्साह देखा गया। इसमें अधिकांश महिलाएं अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए मशरूम उत्पादन करने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि राज्य सरकार की यह योजना बहुत ही लाभप्रद है। खाकर हमलोग ग्रामीण महिलाएं पेट पालने के लिए सड़क किनारे दारू हड़िया बेचना पड़ता था। लेकिन यदि इसमें राज्य सरकार प्रशिक्षण के बाद मशरूम का बीज समय पर उपलब्ध करा दे तो हमलोगों को राहत मिलेगा। इस व्यवसाय में कड़ी मेहनत कर अपने जिले ही नहीं राज्य का भी मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में नाम रोशन करेंगे।
एपीपी एग्रीगेट के प्रबंधक प्रभाकर कुमार ने कहा कि एपीपी एग्रीगेट को मदर ऑफ मशरूम कहा जाता है। हमारे फार्म में मशरूम के कई प्रकार की खेती की जाती है। इसके साथ ही हमलोग प्रशिक्षण भी देते हैं। झारखंड के कई जिले में एपीपी एग्रीगेट के प्रशिक्षकों ने लाभार्थियों के बीच मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया है और यह निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन से स्वास्थ्य के साथ साथ आमदनी भी बढ़ती है। मशरूम खाने से स्वास्थ्य ठीक रहता है।इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाए जाते हैं। मशरूम से हमलोग बारी,अचार,पापड़,बिस्कुट, पाउडर तैयार कर रहे हैं। इसकी मांग झारखंड के अलावा दूसरे प्रदेशों में काफी हो रही है। वही एपीपी एग्रीगेट के राज्य प्रमुख अनमोल कुमार,प्रशिक्षक पूनम सांगा,गुड्डी कुमारी ने भी मशरूम उत्पादन से जुडी बातों की जानकारी दी।