पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में प्रारंभ हुआ 10 दिवसीय खादी मेला

पूर्णिया: स्थानीय रंगभूमि मैदान में 10 दिवसीय खादी मेला सह प्रदर्शनी का उद्घाटन बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार, जिले की उप विकास आयुक्त साहिला और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुशील कुमार ने किया। कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त साहिला ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग से गांव की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। जिले के हर गांव और हर कस्बे में उद्योग स्थापित हो, इसके लिए हम लोग लगे हुए हैं। ग्रामीण उद्योगों से गांव के लोग स्वाबलंबी बनेंगे। उन्होंने कहा कि अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए महात्मा गांधी ने खादी और ग्राम उद्योग पर बल दिया। महात्मा गांधी ने चरखा चलाकर विदेशी सत्ता को चुनौती दी। अब हमें अपने युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगों को बढ़ावा देना है। बिहार के उत्पादकों द्वारा बनाए गए सामानों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। उप विकास आयुक्त साहिला ने कहा कि हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और ग्रामोद्योग के सामानों का उपयोग करने से जो आनंद हमें प्राप्त होता है, वह बड़े मशीनों में बने उत्पादों के उपयोग से प्राप्त नहीं होता है। उन्होंने कहा कि रंगभूमि मैदान में लगाए गए खादी मेला में आकर पूर्णिया के लोग खादी वस्त्रों के निर्माण की प्रक्रिया को भी समझ सकते हैं। बुनकर और कातिन लाइव डेमोनेस्ट्रेशन के माध्यम से ग्राहकों को समझा रहे हैं कि खादी के वस्त्र कैसे तैयार होते हैं। स्कूली बच्चों के लिए भी यह लाभकारी है। कार्यक्रम में बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार की खादी संस्थाओं द्वारा बनाए गए खादी के वस्त्र उच्च गुणवत्ता वाले होते हैं। खादी के वस्त्र सर्दी में गर्मी और गर्मी के मौसम में ठंडक प्रदान करते हैं। यह वस्त्र त्वचा के भी अनुकूल हैं। इसलिए हम सबको खादी पहना चाहिए। हम सब एक दिन खादी पहने और हम सब रोज खादी पहनें। खादी के वस्त्र अब ट्रेंडी भी हो गए हैं और फैशनेबल भी। युवा पीढ़ी खादी पहन कर आनंदित होगी। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग द्वारा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, पीएम एफ एम ई पीएमईजीपी आदि योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है दिलीप कुमार ने कहा कि पीएमएफमई योजना के तहत 35% की सब्सिडी खाद्य प्रसंस्करण की इकाइयों के लिए दी जा रही है। नई और पुरानी दोनों किस्म की इकाइयां इसके तहत बैंकों से क्रेडिट पाने की हकदार हैं जिसके बाद 1000000 रुपए तक की सब्सिडी का प्रावधान इस योजना के तहत किया गया है। इसी तरह प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के उद्योग लगाने के लिए 50 लाख तक का और सेवा क्षेत्र का उद्यम प्रारंभ करने के लिए ₹2000000 तक के लोन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया जिले में जूट उद्योग, बांस उद्योग, केला चिप्स उद्योग, मक्का आधारित उद्योग, सिक्की कला और मखाना उद्योग के विकास की भरपूर संभावना है। इन उद्योगों की स्थापना के लिए अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से 10 लाख से 50 लाख तक की सहायता सरकार द्वारा उपलब्ध की जा रही है।
दिलीप कुमार ने बताया कि 10 दिवसीय उद्योग मेला में बिहार के अलग-अलग जिलों में बनने वाले खादी और खादी से बने वस्त्र बिक्री और प्रदर्शनी के लिए उपलब्ध हैं। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सुशील कुमार ने कहा कि बैंकों से क्रेडिट फैसिलिटी दिलाने के लिए सरकारी स्तर पर हम प्रयास कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को लोन देने के लिए जिला संसाधन सेवी घर घर जाकर अपनी सेवा देने के लिए तैयार हैं। जिला उद्योग केंद्र से संपर्क स्थापित करके पीएफएफएमई और पीएमईजीपी कार्यक्रम के तहत उद्यमी लोन और सब्सिडी के लिए आवेदन दे सकते हैं।

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