विधानसभा सदन के अंदर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी और भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता के बीच जबरदस्त तकरार

रांची: कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के द्वारा बाबूलाल मरांडी पर दिए गए विवादित बयान पर गुरुवार को विधानसभा सदन के अंदर और बाहर भाजपा विधायकों ने जमकर बवाल काटा।

वहीं भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता

ने कहा कि सदन में कान पकड़कर इरफान अंसारी माफी मांगें। ऐसा नहीं करने पर मैं उनकी ऐसी की तैसी कर दूंगा। मंदिर में जाते हैं, चुनरी ओढ़कर ड्रामा करते हैं, टिका मिटाते हैं, इसके बाद जैसे ही इरफान सदन के अंदर आए, मेहता बांह चढ़ाते हुए इरफान की ओर इशारा करते हुए बोले कि आओ इधर आओ और मारने के लिए दौड़ पड़े।

इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष आग बबूला हो गए। उन्होंने कहा कि सदन को भाजपा वाले ने अखाड़ा बना दिया है। मार्शल से कहा, सदन से उठाकर बाहर कर दो। इस तरह कोई सदन में करता है। अपने जगह से हटकर मारपीट के लिए उतारु होते हैं। शर्म आनी चाहिए। स्पीकर बार बार मेहता को बैठने के लिए कह रहे थे, लेकिन मेहता स्पीकर की बातों को नजर अंदाज करते रहे। स्पीकर बोले संसदीय मर्यादा नहीं समझते हैं, खुद को पढ़ा लिखा बोलते हैं और बोलने का तरीका नहीं है। प्रदीप यादव ने भी कहा कि जिस बात को लेकर तकरार है, वो बात उचित नहीं है। लेकिन शशिभूषण मेहता का व्यवहार अनुचित है, इन्हें दो दिनों के लिए निष्कासित करने की मांग करता हूं।

वहीं विधायक इरफान अंसारी ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मैं आदिवासी समाज का हितैषी हूं, मुझसे गलती हुई है तो मैं खेद प्रकट करता हूं। भाजपा के लोग आदिवासी पर पेशाब करते हैं, इससे मैं आक्रोशित हूं।इरफान ने कहा कि जिस विषय को स्पंज कर दिया गया है, उसे मुद्दा बनाया जा रहा है, यह ठीक नहीं है।
कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने इरफान अंसारी का बचाव करते हुए कहा कि आदिवासियों का अपमान करने जैसी कोई बात इरफान अंसारी ने नहीं कहा हैं। भाजपा वाले तो शुरू से आदिवासियों का अपमान करते आ रहे हैं। मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया,उनके साथ दुष्कर्म की घटना हुई। इसके अलावा  मध्यप्रदेश में आदिवासी के साथ अपमान करने का काम किया है।

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