महिलाओं को श्रोता नहीं नेतृत्वकर्ता बनना होगा: सुदेश

रांची:  बोड़ेया स्थित गीतांजलि सभागार में रविवार को आजसू महिला संघ का जिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिला सम्मेलन में बतौर मुख्य पूर्व उप मुख्यमंत्री सह पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
मौके पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले बत्तीस महीनों के कार्यकाल में सरकार ने महिला सुरक्षा एवं स्वावलंबन की दिशा में कोई कार्य नहीं किया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार महिलाओं पर अत्याचार के मामले में झारखंड नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए, पहले पायदान पर रहा। आज आलम ये है कि राज्य के सभी 45 अनुमंडल एवं 24 जिला के सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी एक कोतवाल के भरोसे है।
महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 प्रतिशत का आरक्षण, प्रत्येक गांव में महिला बैंक की स्थापना, गरीब परिवार की महिलाओं को 2000 रू॰ प्रतिमाह चूल्हा खर्च, पंचायत सेवक, एएनएम, शिक्षिका एवं होम गार्ड जैसे सभी रिक्तियों को तत्काल भरते हुए भारी संख्या में महिलाओं को स्थायी नौकरी, प्राथमिक से लेकर पीएचडी तक सभी प्रकार की शिक्षाएं, सभी जाति एवं धर्म की लड़कियों को निःशुल्क देने की बात तथा हर अनुमंडल मुख्यालय में सभी सुविधाओं के साथ महिला महाविद्यालय की स्थापना करने की बात, ये तमाम वादें सरकार ने अपने मेनिफेस्टो में किए थे। आजसू पार्टी सरकार से कोई नई मांग नहीं कर रही, बल्कि उन्हीं के वादों को याद दिला रही है।


आजसू पार्टी शुरु से ही इस बात की हिमायती रही है कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव में महिलाएं बराबर की भागीदार बनें। इसी कल्पना एवं सोच के साथ हमने संजीवनी कार्यक्रम की शुरुआत की थी और एक समय आया जब लाखों महिलाएं इस कार्यक्रम से जुड़ी तथा 2012 में इस कार्यक्रम को भारत सरकार से भी स्वीकृति मिली। साथ ही पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देने की जो पहल की थी, उसका सकारात्मक असर अब साफ-साफ दिखने लगा है।
महिलाओं को अब श्रोता नहीं बल्कि नेतृत्वकर्ता बनना होगा, यही समय की मांग है।
जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश
आजसू कार्य समिति सदस्य विजेता वर्मा ने कहा झारखंड में महिला असुरक्षित महसूस करती है। यहां पर बहन बेटियों के साथ अत्याचार की घटना बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार महिला सुरक्षा पर संजीदा नहीं है। उन्होंने कहा कि कई महीने से राज्य महिला आयोग का पद रिक्त है। महिलाओं की समस्याओं का निदान नहीं हो रहा है। अपराधी खुलेआम महिलाओं पर पेट्रोल छिड़क का जला देते है,उनका अपहरण कर रहे हैं। सरकार घटना के बाद सिर्फ प्रतिक्रिया और आश्वासन देती है। उन्होंने कहा वर्तमान सरकार महिला हिंसा रोकने में पूरी तरह से विफल रही है। आजसू शुरू से ही महिलाओं की आवाज को प्रमुखता से उठाती रही है। आगे भी महिलाओं की समस्याओं के लिए सड़कों पर आंदोलन करने से पीछे नहीं रहेंगे।
अखिल झारखण्ड महिला संघ की केंद्रीय संगठन सचिव वर्षा गाड़ी ने कहा कि सभी पदाधिकारियों एवं नेताओं को संगठनात्मक दृष्टिकोण से अपने कार्यों के प्रति विशेष ईमानदारी और लगन से जूनून पैदा करना होगा।
सम्मेलन में मुख्य रूप से अखिल झारखण्ड महिला संघ की केंद्रीय संगठन सचिव वर्षा गाड़ी, केंद्रीय सदस्य विजेता वर्मा, रांची महानगर महिला अध्यक्ष सीमा सिंह, महानगर उपाध्यक्ष डॉ. सुचिता महतो, कार्यकारी अध्यक्ष प्रभा महतो, केंद्रीय सचिव ममता मौर्या, जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत, जिला परिषद उपाध्यक्ष वीणा चौधरी, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष पार्वती देवी, जिला परिषद परमेश्वरी सांडिल, सरिता देवी, मंजू देवी, पूर्व जिला परिषद सदस्य वीणा मुंडा, मीना कुमारी, फूलकुमारी देवी, प्रमुख अनिता गाड़ी, उप प्रमुख आरती देवी, शीला साहू एवं वीणा कुमारी, प्रखंड अध्यक्ष सलगी उरांव, अखिल झारखण्ड छात्र संघ की केंद्रीय सचिव ज्योत्सना केरकेट्टा तथा अंजू तिर्की मुख्य रुप से शामिल थी।
महिला सम्मेलन को आजसू पार्टी केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत एवं हटिया विधानसभा प्रभारी भरत काशी ने भी संबोधित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *