राष्ट्रपति के सराहनीय सेवा पदक को किसने गायब किया?

पटना 8 जून। देश में एक और जहां भारत के पहलवानों द्वारा कुश्ती में जीते गए पदक को गंगा में प्रवाहित करने की आपा धापी है ।वहीं दूसरी ओर 15 अगस्त 2010 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदत 4 सराहनीय सेवा पदक में से दो तो उसके धारकों को दे दिए गए ।लेकिन 2 पदक बिहार सरकार के गृह विशेष विभाग के कर्मियों ने लापता कर दिया ।इनमें एक पदक बिहार होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट जयंत प्रताप सिंह का है तो दूसरा पदक सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा ) पटना के चीफ वार्डन एस एन सिंह (श्याम नाथ सिंह) का है। पदक दिए जाने की राष्ट्रपति सचिवालय की आधिकारिक घोषणा के 13 वर्षों बाद भी इन दोनों को आज तक पदक हस्तगत नहीं हुआ
पदक प्राप्त करने के लिए थोड़ी भाग दौड़ के बाद होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट जयंत प्रताप सिंह ने मौन धारण कर लिया तो दूसरी ओर सिविल डिफेंस पटना के चीफ वार्डन एस एन सिंह पदक प्राप्त करने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं
दिल्ली से पटना की दौड़ लगा रहे हैं।
राष्ट्रपति सचिवालय की अधिसूचना संख्या 119=pres/20 10, 15 अगस्त 2010 के अनुसार संपूर्ण भारत में कुल 50 लोगों को होमगार्ड एवं सिविल डिफेंस का सराहनीय पदक दिए जाने की घोषणा की गई ।इनमें बिहार के लिए 4 पदक मिला था ।जिनमें होमगार्ड के 3 और पटना सिविल डिफेंस के 1 पदाधिकारी का नाम शामिल था। भारत सरकार के गृह विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल राजकुमार ने अपने पत्रांक vi=11021/M ने 18 अक्टूबर 2010 को कोलकाता की टकसाल में राष्ट्रपति मेडल बनाने के लिए पत्र लिखा ।गौरतलब है कि जिन्हें राष्ट्रपति पदक मिलता है वह पदक उस व्यक्ति के नाम से कोलकाता की टकसाल नहीं बनता है ।इस आशय की विधिवत सरकारी सूचना बिहार सरकार के गृह विभाग को भी भारत सरकार द्वारा भेजा गया ।सूचना पत्र के साथ नामों की सूची के अनुसार बिहार होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट जयंत प्रताप सिंह, कंपनी कमांडर एल के सिंह ,एवं जमादार मनीष कुमार को पदक दिए जाने का स्पष्ट उल्लेख है ।सूची के क्रमांक 2 के अनुसार होमगार्ड के साथ ही सिविल डिफेंस पटना के चीफ वार्डन एस एन सिंह का नाम सराहनीय पदक प्राप्त करने वालों की सूची में सबसे ऊपर था ।क्रमांक 3 ,4 एवं 5 पर उपरोक्त पदाधिकारियों का नाम था ।जिनमें से 4 एवं 5 क्रमांक के पदाधिकारियों को पदक हस्तगत करा दिया गया ।जबकि 2 और 3 को यह पदक आज तक हस्तगत नहीं हुआ ।लगभग 2 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद सिविल डिफेंस के पदक नहीं मिलने की शिकायत पटना सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन एस एन सिंह की ओर से सिविल डिफेंस के नेशनल डायरेक्टरेट से की गई ।भारत सरकार के गृह मंत्रालय को कई बार पत्र लिखा गया। इतना ही नहीं चीफ वार्डन श्री सिंह ने वर्तमान रक्षा मंत्री और तत्कालीन गृह मंत्री राज नाथ सिंह से शिकायत करने का प्रयास किया। परंतु तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने काफी प्रयास के बाद भी मिलने के लिए समय नहीं दिया ।लेकिन चीफ वार्डन श्री सिंह ने लगातार 13 वर्षों से इस संघर्ष को जारी रखा ।5 दिसंबर 2022 को भारत सरकार के सिविल डिफेंस के नेशनल डी जी को राष्ट्रपति मेडल नहीं मिलने का शिकायती पत्र लिखा और दिल्ली जाकर सिविल डिफेंस के नेशनल ए डी जी उमेश शर्मा से मुलाकात की ।इसके बाद ए डी जी ने अपने पत्रांक मिसिल संख्या एक 11021 दिनांक 16:12 2022 को बिहार सिविल डिफेंस के महानिदेशक आई पी एस अरविंद पांडे को पटना सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन को महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा प्रदत पदक हस्तगत कराने का निर्देश दिया। नेशनल ए डी जी के पत्र से यह ज्ञात हुआ कि कोलकाता टकसाल के पत्र संख्या M/02/3661 के जरिए दिनांक 13:12 2000 12 को कक्षा से 4 पदक बिहार सरकार को भेज दिया गया था। नेशनल ए डी जी के पत्र के बाद बिहार का सिविल डिफेंस निदेशालय सक्रिय हुआ ।निदेशालय के अवर सचिव ललित कुमार ने अपने पत्रांक M/सी डी =1036 दिनाक 22 फरवरी 2023 को गृह विशेष विभाग बिहार सरकार के विशेष सचिव को श्री सिंह के शिकायत से अवगत कराते हुए यह जानकारी दिया कि चार सराहनीय सेवा पदको में से 1 पदक सिंह को अभी तक हस्तगत नहीं हुआ है। अवर सचिव ने उक्त पदक को उपलब्ध कराने का आग्रह किया ।ताकि पदक को दिया जा सके।
अवर सचिव के पत्र के आलोक में गृह विभाग विशेष शाखा के संयुक्त सचिव अनिमेष पांडे ने अपने पत्रांक एम/एच जी=2301/2008 दिनांक 19 /04/ 23 को बिहार होमगार्ड के महानिदेशक सह महासमादेष्टाको पत्र लिखकर होमगार्ड एवं सिविल डिफेंस के सराहनीय 4 पदक के संबंध में जानकारी मांगी तो बिहार होमगार्ड के समादेष्टा ने अपने पत्रांक 3520 दिनांक 24 मार्च 2023 के जरिए संयुक्त सचिव को लिखित जानकारी दिया कि 4 पदक में से 2 पदक कंपनी कमांडर लक्ष्मण देव कुमार सिंह एवं जमादार प्रधान लिपिक मनीष कुमार को उपलब्ध करा दिया गया है। पदक में अंकित नाम में त्रुटि के कारण डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट जयंत प्रताप सिंह को पदक प्राप्त नहीं हुआ है ।इसके साथ ही श्री सिंह को पदक प्राप्त करने संबंधी कोई अभिलेख भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।
5 दिसंबर से प्रारंभ हुई शिकायत शिकायत यात्रा के लगभग सात माह होने के बाद भी श्याम नाथ सिंह को अभी तक पदक हस्तगत नहीं हुआ है । इससे संबंधित पुलिस मुख्यालय पटेल भवन के गलियारे में चक्कर लगा रहा है। इधर श्री श्याम ने पदक प्राप्त करने के लिएकरने के एड़ी चोटी एक कर दिया है।
चीफ वार्डन श्री सिंह ने कहा कि अगर पदक हस्तगत नहीं हुआ तो इस संबंध में संबंधित व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज कराएंगे ।क्योंकि राष्ट्रपति का पदक गायब होना न सिर्फ महामहिम राष्ट्रपति का अपमान है अपितु देश के स्वाभिमान एवं एकता अखंड के साथ भद्दा मजाक भी है ।यह मामला पूरी तरह राष्ट्रद्रोह का बनता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *