सीएम नीतीश पहुंचे लिट्टी खाने तो मांझी को आई शराब की याद

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार शाम हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आवास पर आयोजित लिट्टी विद मांझी कार्यक्रम में पहुंचे। उनके साथ वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी भी थे। मुख्यमंत्री करीब आधे घंटे तक कार्यक्रम में रहे। इस दौरान मांझी ने फिर शराबबंदी का मुद्दा उठाया और कहा कि यहां भी शराब के लिए गुजरात की तरह परमिट सिस्टम लागू हो।
हम के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव डा. दानिश रिजवान ने कहा कि पार्टी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में मंत्री सुमित सिंह, लेशी सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन झा, अब्बू दोजाना आदि शामिल हुए।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बिहार में शराबबंदी का गुजरात माडल लागू करने की वकालत की है। मांझी ने शुक्रवार को मीडिया के सवालों पर कहा कि शराबबंदी अच्छी चीज है, मगर इसे राज्य में जिस तरह लागू किया गया है, उससे परेशानी है। उन्होंने कहा कि पुलिस शराबबंदी के नाम पर गरीब लोगों को प्रताड़ित कर रही है और गावों में घुसकर गरीबों को पकड़कर फर्जी तरीके से जेल भेज रही है। उन्होंने कहा कि शराब नहीं मिलने के कारण ही लोग शराब बनाते हैं। शराब बनाते समय गलत चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि दो घंटे में बनने वाली शराब जहरीली होती है।
मांझी ने पुलिस द्वारा जिन गरीब लोगों को फर्जी तरीके से शराब के केस में जेल भेजा गया है, उन्हें जेल से रिहा करने की मांग सरकार से की। इसके साथ ही बड़े शराब तस्करों के विरुद्ध सख्ती बरतने की बात भी कही।

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