कांग्रेस विधायक ममता देवी को कोर्ट के द्वारा मिली सजा पर भाजपा और कांग्रेस ने क्या कहा…

रांची: रामगढ़ के गोला में प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक ममता देवी को हजारीबाग कोर्ट ने पांच साल की सजा का ऐलान किया है। साथ ही अब उनकी विधायकी जाने का भी खतरा प्रबल हो गया है। कोर्ट के द्वारा दिए फैसले पर कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने अलग अलग प्रतिक्रिया व्यक्त किया है।
कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि विधायक ममता देवी के साथ बिलकुल गलत हुआ। यह एकतरफा न्याय हुआ है।जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं को लेकर आंदोलन करते हैं। जब आंदोलन में जनप्रतिनिधि पर ही मामला दर्ज कर फंसाया जायेगा तो जनता की आवाज कोन बनेगा। इससे आंदोलन दब जायेगा। इसमें जितने भी धारा हैं वह दो साल से अधिक का है। न्याय के लिए जनता के समर्थन में आंदोलन होता है। ऐसे में यदि विधायक का वियायकी जायेगा तो कोन आंदोलन करेगा। इससे अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस घटना में गोली चलाने वाले लोग को भी सजा मिलना चाहिए। इस घटना में आम जनता की मौत हुई है।
वहीं भाजपा नेता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि इस घटना में विधायक ममता देवी ने भीड़ को उकसा कर हिंसा करने पर मजबूर किया। पुलिस प्रशासन पर भी हमला किया गया। अवैध हथियारों का भी उपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि  कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए भीड़ तंत्र का सहारा लेते हैं। वैसे लोगों के लिए यह करारा जवाब है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पार्टी निचली अदालत के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देगी।
आपको बताते चले की यह मामला अगस्त 2016 में राज्य की राजधानी रांची से लगभग 50 किलोमीटर दूर रामगढ़ जिले के रजरप्पा पुलिस थाना अंतर्गत इनलैंड पावर लिमिटेड के परिसर में ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दो व्यक्ति मारे गए थे. जिला अधिकारियों की शिकायत पर रजरप्पा पुलिस थाना में ममता देवी और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. ममता देवी और अन्य को 12 दिसंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया. एमपी-एमएलए कोर्ट के रूप में कार्य करने वाली हजारीबाग दीवानी अदालत के चौथे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार दोषियों को सजा सुनाई.

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