करप्शन के आरोपी मगध के पूर्व कुलपति के खिलाफ वारंट जारी

गणादेश ब्यूरो
गया:कुलपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहकर भी अमानत में ख्यानत करने वाले कुलपति के सभी दांव पेंच अब बेकार सिद्ध होने वाले हैं। करोड़ो रुपयों के घोटाले में मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की गिरफ्तारी अब तय हो गई है। तकरार छः माह तक विभिन्न हथकंडों और ऊपरवालों की कृपा से गिरफ्तारी से बचते रहे। जबकि उनके आवास से ही एसयूवी की टीम ने बड़ी राशि नगद और वैसे दस्तावेजों की बरामदगी की थी जिनका आवास में रहना नियमतः गलत है। लेकिन लंबे समय के बाद निगरानी के विशेष न्यायाधीश मनीष द्विवेदी ने शनिवार को अभियुक्त पूर्व कूलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया है। 
घोटाले की जांच कर रही निगरानी की एसवीयू की टीम ने निगरानी कोर्ट में पिछले दिनों आवेदन देकर पूर्व कुलपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की गिरफ्तारी के लिए वारंट का अनुरोध किया था। बताते चलें कि छापेमारी के बाद से ही प्रसाद भूमिगत हो गए हैं। कुलपति की अग्रिम जमानत अर्जी पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर रखी है। 
गौरतलब है कि पूर्व कुलपति उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं। उनके गोरखपुर स्थित आवास पर एसवीयू की टीम ने छापेमारी की थी। घोटाले की जांच कर रही टीम को करोड़ों रुपये की चल व अचल संपत्ति का पता चला है। छापेमारी में 90 लाख रुपये नगद, विदेशी मुद्रा समेत लाखों रुपये के गहने व जेवरात बरामद हुए थे। लुकाछिपी के कारण एसवीयू की टीम आरोपित कुलपति से अब तक पूछताछ नहीं कर पायी है। गैर जमानती वारंट के बाद अब उनकी गिरफ्तारी तय हो गई है। उनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में ही घोटाले के अन्य रहस्यों ने पर्दा उठ सकेगा।

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