बरसात से पहले ही नुना नदी में बाढ़,कई घरों में घुसा पानी

गणादेश सिकटी:प्रखंड के पूर्वी भाग के बीचों बीच नुना नदी गुजरती है और हर साल तबाही मचाती है। नदी ऐसी कि आधे साल सूखी रहती है।पर बरसात का मौसम आते ही प्रलय मचाना शुरू कर देती है।
कई दिनों की बारिश से उफनती नुना ने अभी ही तबाही का ट्रेलर दिखा दिया है। दरअसल यहां की नदियों की बागडोर नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र के पास है। अगर नेपाल में जम कर बारिश हुई तो बकरा, नुना, घाघी आदि नदियों में जलस्तर बढ़ने लग जाता है।नुना नदी के पश्चिमी भाग में तटबंध का निर्माण हो रहा है, पर पूरब भाग का तटबंध पडरिया पंचायत के कालू चौक से दक्षिण घोडा चौक के पास का तटबंध ध्वस्त रहने के कारण नदी का पानी पूरे गांव मे फैल गया है।बाढ का पानी घोडा चौक,सिंहिंया,बांस बाडी के लगभग परिवार के घरों में देखते ही देखते गुरुवार को भर गया।
ग्यारह बजे के करीब नदी के जलस्तर मे अचानक वृद्धि होने से गाँव के कई परिवार बाढ़ की चपेट में आ गये। 2020 में नुना नदी अपना रास्ता बदल कर पश्चिम से सालगुडी कचना होकर बहने लगी थी,जिससे भारी तबाही मची थी।
सरकार के द्वारा साढे चार करोड़ की लागत से नुना नदी के पश्चिमी भाग मे तटबंध का निर्माण कार्य किया जा रहा है।दो बर्षो से घोडा चौक, सिहिंया ,बासंबाडी,के लोगों को बाढ से राहत थी, पर जैसे ही नदी को पुराने धारा मे ले जाया गया। वहां के लोगों पर बाढ का प्रकोप शुरू हो गया।नदी को पुराने धारा मे ले जाने से पहले अगर तटबंध का मरम्मत कार्य किया जाता तो शायद ये हाल नहीं होता।
बरहाल बाढ़ का कहर जून मे ही शुरू है। बाढ़ प्रभावित परिवारों मे हसमुद्दीन, फरमान, नौसाद,नाजिम,पुर्व मुखिया ताहिर, नुर आलम,असगर, नसरुद्दीन, समसुद्दीन ,मजलूम, खुर्शीद मुशर्रफ आदि अनेकों के परिवार बाढ़ के चपेट में आ गये हैं। ये त्राहिमाम कर रहे हैं।

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