विकलांगता को हराकर समाज के सामने मिसाल बने विक्की शर्मा
- सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद पिछले 13 साल में हुए 13 ऑपरेशन
- 2016 में एनएचएफ़डीसी से मिले 1 लाख रु ऋण से शुरु किया काम
- दिव्य कला मेले से मिला देश में फुलकारी की कला दिखाने का अवसर
राची: रांची के हरमू ग्राउंड में चल रहे दिव्य कला मेले में देश भर से आये दिव्यांग उद्यमी अपने कला-कौशल के प्रदर्शन के साथ सामान की बिक्री कर रहे हैं। ऐसै ही एक उद्यमी है पंजाब के पटियाला से आये विक्की शर्मा, जिन्होंने मार्च 2002 में हुए सड़क दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल होने के बाद पिछले 13 साल में 13 ऑपरेशन करवाने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी।
विक्की को 2016 में राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम के बारे में पता चला और विक्की ने एनएचएफ़डीसी से मिले 1 लाख के रुपये ऋण लेकर फुलकारी का अपना काम शुरु किया और पिछले 13 साल के संघर्ष को पीछे छोड़ते हुए फुलकारी की कला को अपना जीवन बना लिया। शुरू में विक्की का काम पटियाला की गलियों तक ही सीमित था। विक्की के इस काम को परवाज मिली 2 दिसंबर 2022 में राजधानी दिल्ली में आयोजित पहले दिव्य कला मेले से। इस मेले से विक्की को ना सिर्फ अपने कला कौशल दिखाने का बड़ा मंच मिला बल्कि अपने सामान की बिक्री के लिए बड़ा बाज़ार भी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विक्की आज देश भर के कई बड़े शहरों में दिव्य कला मेले के माध्यम से फुलकारी की अपनी कला-कौशल के प्रदर्शन के साथ अपने सामान की बिक्री कर रहे है। साथ ही विक्की अपने प्रदेश पंजाब की एक समृद्ध और रंगीन संस्कृति का प्रतीक फुलकारी का प्रचार कर सफल दिव्यांग उद्यमी के रुप में समाज के लिए एक उदाहरण हैं।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित ‘दिव्य कला मेला’ का उद्देश्य दिव्यांगजन को अपनी कला कौशल के प्रदर्शन के लिए बड़ा मंच और बाज़ार प्रदान करना है। रांची के हरमू मैदान में 8 सितंबर तक चलने वाले इस मेले में 20 राज्यों के 75 दिव्यांग उद्यमी अपने उत्पादों की प्रदर्शिनी के साथ बिक्री कर रहे हैं। प्रतिदिन शाम आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रातः 11 से रात्रि 9 बजे तक चलने वाले इस मेले में प्रवेश निःशुल्क है।