भोजपुर में बालू माफियाओं के आतंक से बेवजह मौत का तांडव

अनूप कुमार सिंह
भोजपुर (आरा) भोजपुर जिले में अवैध बालू माफियाओं के आतंक से बेवजह मौत का तांडव बदस्तूर जारी है।पिछले दिनों कोईलवर प्रखंड के कमालूचक घाट पर अवैध बालू खनन व वर्चस्व कायम रखने को लेकर दो गुटों में 50 राउंड फायरिंग हुई।जहां बालू माफियाओं के आतंक से बेवजह दो मजदूर की मौत हो गई।वहीं एक किसान जिन्दगी और मौत से जूझने को विवश हो गया। हालांकि भोजपुर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार द्वारा सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिल पाया है।दिलचस्प बात तो यह है कि कोईलवर पुल से लेकर सकडी _संदेश व सहार के इलाकों में जान जोखिम में डालकर लोग मेन रोड पर निकलते हैं। क्योंकि 24 घंटे मेन सड़क पर जानलेवा ट्रकों का मेला लगा रहता है।प्रतिदिन संदेश इलाके में कोई न कोई हादसा ट्रकों के कारण होना नियति बन गई है।
गौरतलब हो कि बिहार सरकार के द्वारा बालू खनन में नियम बनाए गए हैं कि बरसात के दिनों में नदी से खनन का कार्य बंद रहता है।जिसको लेकर सरकार नियम बनाकर बालू खनन नीति के तहत बालू खनन ठेकेदारों को बालू स्टार्ट भंडारण करने का निर्देश दिया जाता है। लेकिन पूरे भोजपुर में बालू खनन नियम को ताक पर रख कर खुलेआम बालू खनन ठेकेदारों के द्वारा बालू का स्टॉक भंडारण किया जा रहा है। आपको बताते चले की सरकार के द्वारा बनाए गए बालू खनन नीति के तहत बालू का खनन किया जाता है। लेकिन बालू खनन ठेकेदारों ने खनन विभाग के द्वारा नाप कर दिए गए खनन क्षेत्र में बालू खनन नही किया जा रहा है।बल्कि खनन विभाग के द्वारा दिए गए E C क्षेत्र के बाहर जाकर बालू खुदाई कर खुलेआम बालू का भंडारण किया जा रहा है। चाहे वह कोई भी क्लस्टर नंबर हो। साथ ही बालू खनन ठेकेदारों के द्वारा 20 से 25 फीट सोन नदी में गड्ढा करके बालू की खुदाई किया जा रहा है। जबकि सरकार के द्वारा बनाए गए बालू खनन नीति में तीन मीटर से ज्यादा गड्ढा कर कर बालू की खुदाई नहीं किया जाना है। लेकिन बालू खनन माफिया मनमानी कर नदी से बालू की खुदाई कर रहे हैं। वही ठेकेदारों के द्वारा सोन नदी से बालू खनन कर भंडारण के दौरान जिस गाड़ी से बालू लाकर भंडारण किया जाता है। वह गाड़ी को कांटा किया जाता है।लेकिन बालू खनन ठेकेदारों के द्वारा सभी नियम को नजर अंदाज कर खुलेआम बालू का भंडारण हो रहा है । भोजपुर जिले के राजनीतिक कार्यकर्ताओं व स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार के संबंधित पदाधिकारी भी इस सफेद बालू के काला बाजार में शामिल हैं।वही जिले के कुछ राजनीतिक दल के नेताओं के द्वारा नाम नहीं छापने की शर्त पर गणादेश से विशेष बातचीत में बताया गया कि चुनाव के दौरान आचार संहिता को देखते हुए राजनीतिक दलों पर कुछ पाबंदियां रहती है। इसको देखते हुए बालू खनन माफियाओं व भोजपुर जिले के वरीय पदाधिकारी के मिलीभगत से भी सफेद बालू का काला खेल खुलेआम बिना रोक-टोक के बालू की चोरी की जा रही है । साथ ही कहा कि बिहार की वर्तमान सरकार का इशारे पर बड़े-बड़े बालू माफियाओं के द्वारा बालू का भंडारण किया जा रहा है। एक भी बालू लदे गाड़ी को धर्म कांटा नहीं किया जा रहा है। जबकि बालू भंडारण नियम के तहत ले जा रहे सभी बालू लोड ट्रकों को धर्म कांटा करके चालान दिया जाता है। लेकिन किसी भी बालू लदे ट्रक डंपरों का धर्म कांटा नहीं किया जाता है। साथ ही उसका एम टी चालान भी नहीं दिया जा रहा है। सभी नियम को ताक पर रख कर बालू खनन ठेकेदारों के द्वारा पुरे भोजपुर जिले मे खुलेआम बालू का भंडारण हो रहा है।

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