लोकसभा चुनाव में आदिवासियों एवं मूलवासियों को गम्भीरता से मंथन करने जरूरत : बोदरा
खूंटी: कोईल कारो जनसंगठन के शीर्ष कमिटी की बैठक मंगलवार को शहीद भवन, तपकरा में उपाध्यक्ष जोन जुरसन गुड़िया की अध्यक्षता में हुई।
बैठक को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि खूंटी लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस फ्रेंडली मैच खेल रही है, इस खेल को खूंटी की भोली भाली आदिवासी एवं मूलवासी ग्रामीणों को समझने की जरूरत है। पहले 20 अप्रैल को नामांकन करने की घोषणा करने वाले कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा भाजपा प्रत्याशी के पूर्व घोषित नामांकन के दिन 23 अप्रैल को ही नामांकन करने का निश्चित किये जाने से इस बात को बल मिलता है। इतना ही नहीं, भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार एवं जनसंपर्क अभियान के क्रम में जनगणना प्रपत्र में सरना कोड को शामिल करने तथा डिलीस्टिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कुछ नहीं कहा जा रहा है। भाजपा के घोषणा पत्र में उल्लेखित ‘ वन नेशन – वन इलेक्शन ‘ तथा यू. सी. सी जैसे कानून से क्षेत्रीयता एवं आदिवासियत को समाप्त करने के षडयंत्र को भी समझना होगा।
बोदरा ने आगे कहा कि इस आम चुनाव में आदिवासियों एवं मूलवासियों को बहुत गम्भीरता से मंथन कर निर्णय लेने की जरूरत है। वर्तमान समय में, आदिवासियों के बीच के कुछ लोकधर्मी संस्थानों द्वारा अदूरदर्शी सोच थोपने का प्रयास किया जा रहा है जिससे आनेवाले समय में पांचवीं अनुसूची क्षेत्र भी प्रभावित होगा।
झारखण्ड उलगुलान संघ का स्पष्ट मानना है कि इस आम चुनाव में झारखण्डी अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, परम्परा, व्यवस्था तथा जल-जंगल-जमीन के मालिकाना हक का सवाल अगर मुद्दा नहीं बनाया जा रहा है तो खूंटी लोकसभा क्षेत्र के झारखण्डी जनता को गहराई से चिन्तन – मंथन करना चाहिए।
इस बैठक में मसीहदास गुड़िया, सुबोध पुर्ती, कुलन पतरस आईंद, जीवन हेमरोम, शहदेव बड़ाईक, रामजीबोल कन्डुलना, अमृत गुड़िया, निकोलस कन्डुलना, प्रकाश डहंगा, प्रभुसहाय कन्डुलना, मदन सिंह, एरियल कन्डुलना, सुमित गुड़िया, भाजु कन्डुलना एवं झिरगा कन्डुलना आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।