उन्नत खेती, पशुपालन,मुर्गीपालन,जैविक खाद,नर्सरी आदी से सम्बंधित दिया जा रहा प्रशिक्षण

खूंटी: किसानों ने समेकित आजीविका कृषि प्रणाली का भी भ्रमण कर समेकित आजीविका के संसाधनों के विषय में जानकारियाँ प्राप्त की। सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीणों को उन्नत कृषि प्रणाली से अवगत कराने के लिए एक्सपोजर विजिट कराया गया। तोरपा और कर्रा प्रखंड के किसानों को आधुनिक खेती के संबंध में प्रशिक्षित किया गया। 
कर्रा प्रखण्ड के समेकित आजीविका कृषि प्रणाली के भ्रमण के दौरान उन्हें कई योजनाओं के सम्बंध में भी जानकारी दी गयी। इस केंद्र में किसानों की सुविधाओं के लिए विभिन्न पौधों के नर्सरी, चूजों के लिए हार्डनिंग केंद्र, जैविक खाद, बीज, पशुओं के लिए दवाई आदि की आपूर्ति उचित दर पर की जा रही है।  आगामी दिनों में यहाँ पलाश प्रसंसकरण केंद्र का अधिष्ठापन कर उत्पादित सामानों के मूल्य वर्धन की योजना बनायी जा रही है।

सोलर लिफ्ट सिंचाई इकाइयों के माध्यम से समेकित पार्क के सभी कोनों तक सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी।
इसके अलावा नए किस्म के अनाज और औषधीय पौधों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

इस दौरान किसानों ने मत्स्य पालन, मुर्गीपालन, बकरीपालन, कटकनाथ मुर्गे, बतख पालन हेतु शेड का निर्माण एवं अन्य निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन लिया। मधुमक्खी पालन के सम्बंध में जानकारियां दी गयी।

समेकित आजीविका फॉर्म के माध्यम से डेरी से संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने की पहल भी की जा रही है। इसके अतिरिक्त सखी मंडलों के माध्यम से निर्मित/उत्पादित सामग्रियों की सोर्टिंग एवं ग्रेडिंग, मूल्यवर्धन, पैकेजिंग, विपणन आदि के लिए एक विशेष प्रोसेसिंग प्लांट अधिष्ठापन करने की योजना है।

किसानों की सम्पूर्ण मांग की आपूर्ति एवं तकनीकी मदद मुहैया कराने के उद्देश्य से आजीविका संसाधन केंद्र को विकसित कर और भी सुदृढ़ बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त यहाँ किसानों को नयी तकनीकों और तरीकों से अवगत कराया गया।

इसमें हॉर्टिकल्चर (उद्यान कृषि), फ्लोरीकल्चर (फूलों की बागवानी), मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, उन्‍नत एवं वैज्ञानिक कृषि और सिंचाई गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही हॉर्टिकल्चर के तहत फलदार वृक्ष (पॉमीलॉजी), विभिन्न तरह की सब्जियाें (ओलोरीकल्चर) से सम्बंधित कार्यों का अवलोकन कर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। स्ट्रॉबेरी व ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है।  साथ ही किसानों के लिए कृषि संबंधी कार्य को सरल व सुगम बनाने हेतु उन्हें उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाएंगे एवं उनके लिए संसाधनों की उपलब्धता को सरल किया जा रहा है।

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