10 हजार के बिना गरीब मरीज का टांका नहीं काट रहा यह अस्पताल
सविंद्र
गया:एक ओर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री आए दिन राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर नए नए कसीदे पढ़ते नजर आते हैं। वहीं दूसरी ओर गया के फर्जी अस्पतालों में किया जा रहा है मरीजों का आर्थिक और मानसिक शोषण। तकरीबन 50 लाख की जनसंख्या और 24 प्रखंडों वाले बड़े जिले की एक बड़ी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। अपेक्षित चिकित्सा सुविधाओं से महरुम इस जिले के नागरिकों का शोषण फर्जी नर्सिंग होम और सरकारी चिकित्सक दोनों के द्वारा किए जाने की घटना सामने आई है।
मामला बांके बाजार प्रखंड का है। इलाज के लिए महेंद्र दास ने अपनी पत्नी को संजीवनी अस्पताल में भर्ती कराया। 84 हजार रूपए देकर बच्चेदानी का आपरेशन कराया। यह आपरेशन सीएचसी बांकेबाजार में पदस्थापित डाक्टर अवधेश कुमार ने संजीवनी अस्पताल में जाकर किया। अब मरीज के परिजन बीस दिनों के बाद भी महज दस हजार रुपए के कारण टांका नहीं काटने के आरोप लगा रहे हैं। केवल एमबीबीएस डिग्रीधारी चिकित्सक डाक्टर अवधेश कुमार ने भी निजी अस्पताल संजीवनी में जाकर सिस्ट के आपरेशन की बात स्वीकार की है। पूछे जाने पर उन्होंने यह भी बताया कि उक्त अस्पताल निबंधित है या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। सनद रहे कि जिलाधिकारी द्वारा हाल ही में सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को इलाके में संचालित फर्जी गैर निबंधन और मानक से नीचे की सभी अस्पतालों नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश भी दिया है। ऐसे में सवाल कई हैं। क्या सरकारी डाक्टर बिना निबंधन वाले निजी अस्पतालों में आपरेशन कर नियम नहीं तोड़ रहे हैं। क्या फर्जी अस्पताल और नर्सिंग होम आगे भी इसी तरह मरीजों की जान और धन से खिलवाड़ करते रहेंगे।