कलियुग के समस्त दोषों को और पापों को नाश करने का एक ही उपाय है श्रीमद् भागवत कथा: वेदव्यास जी महाराज
सरायकेला: मारवाड़ी युवा मंच एवं मारवाड़ी महिला समिति सरायकेला के संयुक्त तत्वाधान में मारवाड़ी धर्मशाला सरायकेला में श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के सातवें एवं समापन दिवस पर कथा वाचक वेदव्यास जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण का स्वधाम गमन एवं उद्धव जी के चरित्र को बताया कि मैंने इस सृष्टि में एक पॉव से लेकर अनेक पॉव वाले जीवों की रचना किया है। उनमें से सबसे श्रेष्ठ मानव योनि जो अपने जीवन में सत्संग और हरि नाम संकीर्तन करते है। भगवान का नाम ही सर्वोपरि है। सातवें दिन की कथा में प्रदुम्न जन्म , स्यमंतक मणि की कथा , श्रीकृष्ण की गृहस्थचर्या, सुदामा चरित्र और द्वादश स्कंध में भागवत धर्म का उपदेश बताते हुए कहा कि भगवान दीना नाम परिपालक है। उन्होंने अपने बाल्यकाल के प्रिय सखा सुदामा जी महाराज पर कृपा करते हुए ऐश्वर्यवान बना दिया था। सुदामा जी ने तो दुर्वासा ऋषि के द्वारा श्रापित चने को स्वयं खाकर द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण को श्राप से बचाया था। यह एक ब्राह्मण की त्याग और बलिदान ही तो जो भगवान को भी दरिद्र होने से बचा सकते है। इसीलिए तो भगवान स्वयं कहते हैं कि प्रमण मेरे हृदय में निवास करते हैं।
भगवान को दरिद्रता से बचाते हुए सुदामा स्वयं दिन हीन बन गए। सातवें दिन की कथा को श्रवण करते हुए सभी श्रोताओं ने चावल का तंडुंल भगवान को भेंट किया। एवं नगर के गणमान्य नागरिक ग्रामवासी जनप्रतिनिधि के द्वारा भागवत कथा का श्रवण कर पुण्य का लाभ प्राप्त किया गया। इस अवसर पर आए हुए सभी प्रतिनिधियों के व्यासपीठ से आचार्य राजेंद्र महाराज के द्वारा श्रीकृष्ण नाम का दुपट्टा एवं श्रीफल देकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। कथा में मुख्य मनोज कुमार चौधरी द्वारा सप्तनिक भागवत जी एवं व्यास जी का पूजन कर भव्य आरती की गई।
हवन एवं भंडारा के साथ सात दिवसीय कथा संपन्न हुई। भागवत कथा में मुख्य रूप से राजकुमार अग्रवाल, सत्यनारायण अग्रवाल, अरुण सेकसरिया, संदीप सेक्सरिया, सुनील सेक्सरिया, गौरंग मोदक, विमलेश चौबे, रामलखन प्रसाद, विश्वनाथ साहू, विजय सेक्सरिया,रेखा सेक्सरिया, संगीता चौधरी, इन्द्रा अग्रवाल, सुनीता सेक्सरिया, सरोज सेक्सरिया, विमल चौधरी, कमल चौधरी, कमला देवी एवं भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रवण लाभ लिया।