दिव्य कला मेला में नहीं मिल रहा लोगों रिस्पॉन्स,दिव्यांग दुकानदारों में छाई उदासी
भुनेश्वर: स्थानीय किट यूनिवर्सिटी कैंपस में चल रहे दिव्य कला कला मेला में लोगों की भीड़ नहीं हो रही है। इससे दिव्यांग दुकानदारों में उदासी छाई हुई है। पूरे देश के अलग अलग राज्यों से करीब 67 स्टॉल इस मेला में दिव्यांग जनों ने लगाया है।
यह मेला सात दिनों तक 5-11 जुलाई तक चलेगा। मेला का उद्घाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवम अधिकारिता मंत्रालय के मंत्री बीएल वर्मा ने किया है। उनके साथ दिल्ली से आए भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेट्री नवीन कुमार शाह और उड़ीसा के कई अधिकारी मौजूद थे। मेला के पहले दिन शुक्रवार को तो लोगों की भीड़ देखी गई। इस दौरान लोगों ने खरीदारी भी की। लेकिन मेला के दूसरे दिन शनिवार को तो नहीं के बराबर लोगों की उपस्थिति देखी गई। मेला में तेलंगाना से आई दिव्यांग विस्यवती बगैर कैमिकल से निर्मित अगरबत्ती का स्टॉल लगाई हैं। गुजरात से आई देशी गाय के गोबर धूप स्टीक, दिव्यांग पछचिगार,हरियाणा से रोजी अरोड़ा,ज्वेलरी टॉयस,उड़ीसा भुनेश्वर से दिव्यांग लोकनाथ मोबाइल स्टोर और एलईडी बल्ब,भोपाल मध्य प्रदेश से आए धन सिंह सिल्क के कपड़े और गारमेंट्स, बनारस से आए आसिफ सिल्क की साड़ियां, झारखंड से एपीपी एग्रीगेट से दिव्यांग सुनारी कुमारी मशरूम से निर्मित अचार,पापड़, बरी,लड्डू का स्टॉल लगाई हैं। नागपुर से हरीश कुमार रेडिमेट टेशर्ट का स्टॉल लगाया है।भागलपुर बिहार से जान निसार अकरम सिल्क और कॉटन सिल्क के कपड़े के स्टॉल, गुजरात अमदाबाद नीलू सुनील जैन, पश्चिम बंगाल से फरजाना ज्वेलरी और बैग, गुजरात सूरत से आए किशोर भाई फेसवास का स्टॉल लगाए हैं। अधिकांश दिव्यांग दुकानदारों ने कहा कि मेला सही जगह पर नहीं लगाया गया है।
दुकानदारों ने कहा कि इस मेला को किट कैंपस -6 में लगाना चाहिए था। यहां पर तो लोगों की भीड़ ही नहीं है। इसके अलावा कैंपस में छुट्टी होने के कारण स्टूडेंट नहीं है। यदि छुट्टी नहीं रहता तो मेला स्टूडेंट से ही भर जाता। इससे मेला में खरीदारी अच्छा होता। दुकानदारों ने कहा कि अभी मेला पांच दिन और है,हो सकता है कि अच्छा रिस्पॉन्स मिले।