विधायकों की भावना के अनुरूप निर्णय होगा तो सरकार चलेगी : संयम लोढ़ा

जयपुर : राजस्थान में विधायकों के भावना के अनुरूप निर्णय नहीं होगा तो सरकार गिरने का खतरा तो पैदा हो ही जायेगा। मुख्यमंत्री गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने की घोषणा करने के मद्देनजर संयम लोढ़ा ने यह बात केबिनेट मंत्री शांतिधारीवाल के निवास पर आयोजित एक अन्य बैठक में कही।
ख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा से संवाददाताओं ने जब पूछा कि गहलोत के अलावा दूसरा कोई मुख्यमंत्री बनेगा तो क्या वो सरकार के साथ रहेंगे। इस पर लोढ़ा ने कहा कि जो विधायकों की भावना है उसके अनुरूप निर्णय होगा तो सरकार चलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर विधायकों की भावना के अनुरूप निर्णय नहीं होगा तो सरकार गिरने का खतरा तो पैदा हो ही जायेगा ना ।‘‘ उन्होंने कहा विधायक दल की बैठक होने पर पता चलेगा कि किसका नाम आता है, लेकिन वह पहले ही कह चुके हैं कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री रहना चाहिए।

निर्दलीय विधायकों का क्या रुख रहेगा? इस सवाल पर लोढ़ा ने कहा कि वह पहले की तरह गहलोत के साथ हैं। एक अन्य नेता गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। एक सवाल के जबवा में उन्होंने कहा, ‘‘अगर अशोक गहलोत मुख्यमंत्री नहीं रहते हैं, तो आगामी विधानसभा चुनाव जीतने में बहुत दिक्कत आएगी, गहलोत हमारी आत्मा हैं। गहलोत ने जो बजट दिया है और जो काम किए हैं, उसका लाभ उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही हमें मिलेगा।अगर हम उनको अलग कर देंगें तो हममें कमजोरी आ जायेगी।’’

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