पीएम मोदी के आगमन से जनजाति समाज में हर्षोल्लास: बाबुलाल मराण्डी
रांची: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक भाजपा प्रदेश कार्यालय में सम्पन्न हुआ।बैठक में मोर्चा के राँची महानगर एवं राँची ग्रामीण के प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित हुए।बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी उपस्थित हुए।ज्ञात हो कि 15 नवंबर धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती जनजाति गौरव दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन धरती आबा बिरसा मुंडा के जन्म स्थली में खूंटी के उलिहातू में होने जा रहा है।प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर जनजाति मोर्चा की तैयारी बैठक हुई। बैठक में मोर्चा द्वारा तय किया गया कि जनजाति आदिवासी समाज के हज़ारों की संख्या में अपने अपने पारंपरिक वेशभूषा के साथ, पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल, नगाड़ा, मांदर, पारंपरिक खोड़हा नृत्य टीम के साथ कार्यक्रम में शामिल होंगे।इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा सरकार सदैव ही आदिवासियों की चिंता करते रही है।श्रधेय अटल विहारी वाजपेयी ने आदिवासियों के लिए अलग राज्य दिया। उन्होंने आदिवासियों के लिए अलग जनजाति मंत्रालय का गठन किया।
श्री मरांडी ने कहा कि अटल जी के काम को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी समाज के गौरव को बढ़ाया है। उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए है। धरती आबा बिरसा मुंडा के जन्म जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में घोषणा कर देश के सभी जनजाति स्वतंत्रता सेनानी को सच्ची श्रद्धांजलि दिया है।। देश मे पहली बार आदिवासी समाज की बेटी को देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनाया।
उन्होंने कहा कि हेमन्त सोरेन ने जल-जंगल-जमीन एवं आदिवासी के नाम पर राजनीति कर सत्ता में आये लेकिन पिछले 4 वर्षों में उनके विकास कार्यक्रम में आदिवासी की कहीं कोई चर्चा नही हुई। इसके उलट हेमन्त सरकार में आदिवासी बच्चियो एवं महिलाओं की दुष्कर्म एवं हत्या की घटना बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के रामेश्वर मुर्मू, रूपा तिर्की, संध्या टोपनो रुबिका पहाड़िया की हत्या यह बताता है कि हेमन्त सरकार में आदिवासी समाज सुरक्षित नही है।
बैठक में प्रदेश महामंत्री राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय, रामकुमार पहान, अशोक बड़ाईक, बिंदेश्वर उराँव, आरती कुजूर, सुनील फकीरा कच्छप,रूप लष्मी मुंडा, अनु लकड़ा, रवि मुंडा, नकुल तिर्की, अनुराधा मुंडा, इंदीया टोप्पो, बिरसा पहान, सुनील उरांव, रितेश उरांव, नूतन पहान, बुधराम बेदिया, बुधु पाहन, अरुण पहान, प्रभु दयाल बड़ाईक, सत्यसेव मुंडा,अर्जुन मुंडा, दीपक लोहरा,अरविंद उराँव,प्रदीप महली, अंजली लकड़ा, अनिता गाड़ी, सोनी हेमरोम, जयश्री इंदवार,बासुदेव टोप्पो सहित कई जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्थित थे।