राहुल गांधी की कथनी और राज्य सरकार की करनी में आसमान जमीन का फर्क :सुदेश महतो

रांची : पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू पार्टी अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर कहा कि राहुल गांधी की कथनी और झारखंड सरकार की करनी में बहुत फर्क है। ऐसी कौन सी मजबूरी है कि राहुल गांधी को अपनी विचारधारा के विपरीत जाकर झारखंड में सरकार चलानी पड़ रही है। देश के बड़े नेताओं में शुमार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पिछले चार दिनों से झारखंड दौरे पर थे। इस दौरान झारखंड में चौक चौराहे पर खड़े झारखंडियों का उन्होंने हाथ हिलाकर अभिनंदन तक नहीं किया। क्या यह माना जाए कि वह यात्रा के दौरान थक चुके थे या उन्हें झारखंडियों से नफरत है।

राहुल पर हमलावर हुए सुदेश कुमार महतो ने कहा कि ओबीसी की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद झारखंड सरकार में सिर्फ एक मंत्री पद और जिस दलित की दुहाई दे रहे हैं वहां से एक भी दलित मंत्री नहीं है। यह राहुल की कथनी और झारखंड सरकार के करनी में फर्क को दिखाता है।

पिछडे, दलितों को न्याय दिलाने की मुहिम पर निकले राहुल गांधी को यह भी बताना चाहिए कि आज झारखंड में एसटी कोटे के कितने मंत्री हैं और उनके मंत्रिमंडल में कितना प्रतिनिधित्व है?लराहुल गांधी को क्या इसकी जानकारी है कि झारखंड में सरकार ट्रिपल टेस्ट करने से पीछे हट रही है। पंचायत का इलेक्शन ट्रिपल टेस्ट न करने की वजह से राज्य में एक लाख से अधिक पंचायत के आरक्षित होने वाले पद पर से पिछड़ों का अधिकार खत्म हो गया है। राहुल गांधी को बताना चाहिए झारखंड सरकार के इस फैसले के लिए कौन जिम्मेदार हैं।

राहुल गांधी जी को यह भी बताना चाहिए कि पिछले 4 सालों में क्या यह अन्याय नहीं है। सामाजिक न्याय बोलना और सामाजिक न्याय की पहल करना राहुल जी को समझ में नहीं आएगा। दरअसल इस वजह से क्योंकि उन्हें ना तो झारखंड की जानकारी है और ना ही पूरे देश की। वह सिर्फ पॉलीटिकल टूरिस्ट बनकर निकले हुए हैं।

यह बात सही है कि आज देश के बड़े उद्योगों में पिछड़ों की संख्या ना के बराबर है लेकिन राहुल गांधी जब इस बात को कहते हैं तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि देश की आजादी के बाद देश का संचालन करने का मौका उन्हीं की पार्टी कांग्रेस को मिला तो कांग्रेस ने ऐसी नीति क्यों नहीं बनाई कि पिछड़ों को उनका सही हक और अधिकार मिल पाए।

आज झारखंड में पिछड़ों की आबादी 60% से भी अधिक है तो राहुल गांधी के सहयोग से चलने वाली झारखंड की सरकार क्यों नहीं जातिगत सर्वेक्षण कराती है। उन्हें कौन सी ताकत पिछड़ों का अधिकार देने से रोक रही है। राहुल गांधी अगर अपनी सभा में यह कह रहे हैं कि वह पिछड़ों दलितों को अधिकार दिलाने आए हैं तो पिछले 4 वर्षों में झारखंड सरकार ने इस दिशा में क्या एक भी सकारात्मक पहल की ? जबकि जब झारखंड में एनडीए की सरकार थी तो आजसू की वजह से महिलाओं को 50% आरक्षण मिला, पिछड़ों को अधिकार मिला और उनकी आवाज को मजबूती मिली जिसकी वजह से आज वह अपने पैरों पर खड़े होकर अपने हक और अधिकार की मांग कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *