हेमंत कैबिनेट में फेरबदल की सुगबुगाहट,क्या स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की जायेगी कुर्सी !

रांची: हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में फिर से एक बार फेरबदल की सुगबुगाहट होने लगी है। यह फेरबदल एक दो महीने के अंदर हो जाना तय है।
अब,सवाल है की मंत्रिमंडल से कुर्बानी देगा कौन।
दरअसल,शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद डुमरी सीट खाली है और शिक्षा मंत्री का पद भी रिक्त है। ऐसे में चुनाव आयोग डुमरी सीट से जल्द ही उप चुनाव की घोषणा कर सकता है। इस सीट से गठबंधन का कौन उम्मीदवार होगा यह गठबंधन के सभी नेताओं को जानकारी है। लेकिन शिक्षा मंत्री का पद पर आसीन करने की बात पर गठबंधन में मंथन चल रहा है। इसमें झामुमो के ही  विधायक को जिम्मेवारी मिलेगी। पहले ऐसी चर्चा थी की दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो के पुत्र या उनकी पत्नी को इसके लिए चुना जायेगा।लेकिन मिशन2024को देखते हुए पार्टी शिक्षा मंत्री का पद ऐसे विधायक को देना चाहती है जो लोकसभा चुनाव में उससे सीटों का लाभ हो सके।
वैसे इस फेहरिस्त में पूर्व शिक्षा एवम स्वस्थ्य मंत्री के पद को संभाल चुके वर्तमान में झामुमो विधायक वैद्यनाथ राम सबसे आगे हैं। इसके अलावा मथुरा महतो,सीता सोरेन सहित एक दो और झामुमो के विधायक रेस में हैं। अब बात करते हैं गठबंधन में कांग्रेस की। हेमंत सोरेन मंत्री मंडल में कांग्रेस कोटे से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को चेंज करने की बात कुछ दिन पहले भी सभी मीडिया की सुर्खियों में थी। करीब एक महीने बाद फिर से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को चेंज करने की सुगबुगाहट होने लगी है। इसमें कांग्रेस कोटे से किसी महिला विधायक को स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेवारी मिल सकती है। इसमें प्रमुख रूप से महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह और शिल्पी नेहा तिर्की है। इसके अलावा पूर्णिमा नीरज सिंह भी अपनी दावेदारी करने से पीछे नहीं हट रही है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है की मंत्रिमंडल में फेरबदल जरूरी है। चुनाव को देखते हुए अब दूसरे विधायकों को भी मौका मिलना चाहिए। यह बात प्रदेश कांग्रेस के कई सक्रिय कार्यकर्ता कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का महिला के साथ डर्टी वीडियो प्रकरण भी शीर्ष नेतृत्व को जानकारी है। ऐसे कई मुद्दे को लेकर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता2024 के लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए फेरबदल का दवाब बना रहे हैं।
बहरहाल कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जून महीने में क्या फैसला लेती है यह तो समय ही बताएगा।लेकिन मंत्रीमंडल में फेरबदल की चर्चा का बाजार गर्म है।

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