बिहार के 54, 634 स्कूलों में खेल मैदान नहीं, कहां से निकलेंगे धोनी-इशांत जैसे स्टार?

पटना : आज छोटी-छोटी जगहों से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतिभाएं निकल रही है। गोलगप्पे बेचने वाले के बेटे यशस्वी ने पूरी दुनिया में धूम मचाकर रख दिया है। महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी भी अभिभाजित बिहार के ही हैं। वर्तमान में पटना के इशांत किशन भारतीय क्रिकेट टीम के एक बड़े चेहरे हैं। अब सवाल उठता है कि क्या अब ऐसी प्रतिभाएं बिहार से नहीं निकलेगी? दरअसल, बिहार के स्कूलों में पढ़ाई तो होती है, लेकिन खेल कूद नहीं। ऐसी स्थिति पूरे सूबे के सैकड़ों स्कूलों की है। पूरे राज्य में 54 हजार 634 ऐसे स्कूल हैं, जिनके पास खेल के मैदान नहीं हैं। लगभग 33 हजार 536 स्कूलों में ही खेल के मैदान हैं।
राजधानी पटना जिले 4193 में से 2826 विद्यालयों में खेल के मैदान नहीं हैं, जबकि भागलपुर जिले में 2262 में से 1606 विद्यालय में खेल के मैदान नहीं है। मुजफ्फरपुर में 3691 में से 1868 विद्यालय में खेल के मैदान नहीं है। यह जानकारी यू-डायस की रिपोर्ट से मिली है।
खेल मैदान नहीं होने से इन स्कूलों में खेल की कक्षाएं संचालित नहीं होतीं, जबकि शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में खेल की एक कक्षा का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग ने खेलकूद के लिए विद्यालयों में परिसर का विकास करने की कार्य योजना पर काम शुरू किया है। इस योजना के तहत पहले उन विद्यालयों के खाली जमीन और अतिक्रमित जमीन के बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से विद्यालयवार जानकारी मांगी है।
सबसे रोचक बात यह है कि प्रत्येक मध्य और माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में खेलकूद के लिए शारीरिक शिक्षक का होना अनिवार्य है, जिन विद्यालयों में ऐसे शिक्षक हैं और खेल का मैदान नहीं है, वहां ऐसे शारीरिक शिक्षक विद्यार्थियों को खेलकूद कराने की बजाय अन्य विषय पढ़ाते हैं।
वैसे अधिकतर स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन टीचर के पद खाली हैं। शारीरिक शिक्षक अभिषेक कुमार ने बताया कि वह खुद भौतिकी से स्नातक हैं तो भौतिकी की कक्षा लेनी होती है। इसी तरह अन्य शारीरिक शिक्षक जिस विषय में स्नातक हैं, उनसे उस विषय में कक्षाएं करायी जाती हैं।
जिलों के स्कूलों में खेल मैं की स्थि‍ति
पटना जिले में 4193 विद्यालय हैं, जिनमें से 2826 विद्यालय में खेल मैदान नहीं हैं। इसी तरह भागलपुर जिले में 2262 विद्यालय हैं। इसमें से 1606 में खेल के मैदान नहीं हैं। मुजफ्फरपुर में 3691 विद्यालय हैं, जिनमें 1868 में खेल के मैदान नहीं हैं। गया में 3785 में से 2355 विद्यालय में खेल के मैदान नहीं हैं। गोपालगंज में 2205 विद्यालयों में से 1432 में खेल के मैदान नहीं हैं। औरंगाबाद जिले में 2476 विद्यालय हैं और इनमें से 1730 में खेल मैदान नहीं हैं।
इसी तरह जहानाबाद जिले में 1028 विद्यालय हैं, जिनमें से 714 में खेल के मैदान नहीं हैं। रोहतास जिले में 2738 विद्यालय है, जिनमें से 1684 में खेल के मैदान नहीं हैं। मधुबनी जिले में 3594 विद्यालय है, जिनमें से 1789 में खेल मैदान नहीं हैं। सिवान में 2871 विद्यालय हैं, जिनमें से 1954 में खेल के मैदान नहीं हैं। इसी तरह अन्य जिलों की स्थिति हैं।

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