फिर बोले चंद्रशेखर-रामचरितमानस में जो कचरा है, हटाया जाए

पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कुछ महीने पहले रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों को लेकर विवादित बयान दिया था। पूरे देश में इसे लेकर भूचाल उठने के बाद भी वे लगातार वे अपने बयानों पर टिके रहे। मंगलवार को बिहार बजट सत्र के दूसरे दिन उन्होंने फिर रामचरितमानस पर ज्ञान बांटने वालों को चुनौती दी कि वह उनसे बहस करने के लिए भी तैयार हैं।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस पर जो उन्होंने कहा है वही सत्य है। इन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि ज्ञान बांटने वाले मुझसे बहस कर लें। रामचरितमानस में जो कचरा है उसको हटाया जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि दो पंक्तियों पर ही उन्होंने अब तक सवाल उठाया था। अभी दर्जनों पंक्तियों पर सवाल उठाना बाकी है।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अपने बयान में हैसियत तक की बात कर दी। उन्होंने कहा कि किसी की हैसियत है तो विधानसभा में यह मुद्दा कोई उठाए। वह जवाब देंगे। रामचरितमानस में हजारों श्लोक हैं, दर्जनों में गड़बड़ी है। इन सब को हटाया जाए। जो आपत्तिजनक है, उसे रेखांकित कर रहा हूं। जाति के नाम पर अपमानित करना बंद करो।
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने, समाज को बांटने वाला ग्रंथ बताया था। यह भी कहा था कि यह दलित-पिछड़ों को पढ़ने, आगे बढ़ने से रोकता है। आज भी बयान पर कायम हैं।इस पर जदयू ने कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। राजद भी चंद्रशेखर के साथ खडाहै। यह मुद्दा बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों तक उठा। बावजूद, लगातार चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं।

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