विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चार माह बाद होगी शुरू

भागलपुर।.विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए भूमि अधिग्रहण में कम से कम चार माह का समय लगेगा। अधिग्रहण की प्रक्रिया से पहले मुख्यालय स्तर से गजट का प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। उम्मीद है कि इस माह के अंत तक गजट का प्रकाशन हो जाएगा। जिला भू-अर्जन विभाग ने संबंधित भूमि से जुड़े कागजात शिक्षा विभाग को सौंप दिए हैं। संबंधित रैयतों की सूची भी प्रदान कर दी गई है।गजट प्रकाशन के बाद रैयतों से दावा-आपत्ति ली जाएगी, जिसके लिए उन्हें दो माह का समय दिया जाएगा। रैयतों से प्राप्त दावा-आपत्तियों का निपटारा जिला भू-अर्जन विभाग द्वारा 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। इसके बाद भूमि की कीमत निर्धारण हेतु छह सदस्यीय समिति क्षेत्र का दौरा करेगी। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

215 एकड़ में बनेगा भव्य विश्वविद्यालय

विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 215 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित है। भूमि अधिग्रहण से पूर्व सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन कराया जा रहा है। अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिलान्यास हेतु कहलगांव आने की संभावना है। वे विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेंगे।

   28 मार्च को एक दिवसीय दौरे पर आए बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रस्तावित भूमि और नक्शे की विस्तृत जानकारी ली थी। विश्वविद्यालय के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया एक निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा विभाग के उपसचिव श्रेया भारद्वाज ने राज्य शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव को पत्र लिखकर समय सीमा तय करने को कहा है।

    उक्त पत्र के आलोक में शिक्षा सचिव अजय यादव ने भागलपुर के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने और समय सीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया है। इसके बाद जिलाधिकारी ने भू-अर्जन विभाग को प्रक्रिया सक्रिय रूप से शुरू करने का आदेश दिया है। 

प्रस्तावित परियोजना और भूमि अधिग्रहण से जुड़े सामाजिक लागत और लाभों का मूल्यांकन तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाएगा। समिति की रिपोर्ट आने के बाद भू-अर्जन विभाग अधिसूचना जारी करेगा। विभाग अधिसूचना की प्रतियां पोर्टल पर अपलोड करेगा, जिससे कोई भी व्यक्ति अपने गांव, खसरा संख्या आदि के आधार पर अधिसूचना खोज सकेंगे।

अधिग्रहण हेतु चिन्हित भूमि

अंतिचक मौजा में 92 एकड़ 70 डिसमिल और मलकपुर मौजा में 84 एकड़ 33 डिसमिल जमीन रैयती है, जबकि 28 एकड़ 33 डिसमिल भूमि बिहार सरकार की है। विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली के निदेशक प्रो. डॉ. वीरेंद्र कुमार पाल और प्रो. अभिजीत रस्तोगी ने 15 सितंबर को स्थल का दौरा किया था। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करेगा। भू-अर्जन और डीपीआर की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री पैकेज के तहत विक्रमशिला विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

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