झारखंड की राजनीति वेंटिलेटर में, बढ़ गई है बेचैनी, खेल जा रहे दांव पर दांव

रांचीः झारखंड की राजनीति वेंटिलेटर में चली गई है। घपले घोटालों के लगे इलजामों ने बेचैनी बढ़ा दी है। दोनों ओर से दांव पर दांव खेले जा रहे हैं। सीएम हेमंत सोरेन के ऊपर दबाव भी है। कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। इस बीच गोड्डा सांसद ट्वीट पर ट्वीट कर सियासी तापमान को और बढ़ा दिया। आइएएस पूजा सिंघल मामले में सरकार की छवि को दागदार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। हर कोई अपने तरह से पाशा फेंक रहा है। सीएम हेमंत सोरेन , मंत्री मिथिलेश ठाकुर, विधायक बसंत सोरेन तलवार की नोंक पर हैं। जैसे जैसे दिन बीत रहा, बेचैनी बढ़ती जा रही है। निर्वाचन आयोग के मतव्य का इंतजार हो रहा है। अब देखना यह होगा की परीक्षा में कौम पास होता है और कौन फेल। इधर बीजेपी खेमे में भी बेचैनी का आलम है। सरयू राय ने सरकार को चेतावनी दे डाली है कि अगर अगर 21 मई तक दोष सिद्ध अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने की ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे न्यायालय की शरण लेंगे। इसमें तत्कालीन नगर विकास मंत्री दोषी पाए गए हैं। उनका नाम अभियुक्तों की सूची में पहले नंबर पर है। इसमें पूर्व सीएम रघुवर दास फंसते नजर आ रहे है। वहीं बाबूलाल मरांडी के मामले के लेकर स्पीकर कोर्ट में मामला चल रहा है। इसमें स्पीकर से कहा है कि अब मेरिट के आधार पर सुनवाई होगी। इधर गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे के ट्वीट ने और हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व कोषाध्यक्ष व माननीय अमित भैया को रॉंची का रास्ता दिखाने वाले रवि केजरीवाल जी कहीं सरकारी गवाह तो नहीं बन गए? राज़दार का राज उगलना कहीं महँगा तो नहीं पड़ेगा? इंतज़ार का मज़ा ही कुछ और है निशिकांत ने अब इस मामले में एक सरकारी गवाह का नाम खोलकर इशारे-इशारे में बड़ा एलान कर दिया है, जिससे झारखंड की सियासत में नीचे से ऊपर तक खलबली मच गई है। इसके बाद निशिकांत ने अमित भैया का जिक्र करते हुए किसी अनहोनी की आशंका जाहिर की है। उन्‍होंने कहा कि राजदार का राज उगलना कही महंगा न पड़ जाए।

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