झारखंड के वीर शहीदों के संघर्ष शोध की आवश्यकता : डॉ. प्रियदर्शी

-झारखंड के वीर शहीद पुस्तक का लोकार्पण

रांची : सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि झारखंड के वीर शहीदों के जीवन और संघर्ष पर नये सिरे से शोध की आवश्यकता है, क्योंकि ये इतिहास और इतिहासकारों द्वारा प्राय: उपेक्षित रहे हैं. डॉ. प्रियदर्शी गुरुवार को यहां स्टेशन रोड िस्थत प्रभात प्रकाशन के कार्यालय में आयोजित डॉ. विनय कुमार पाण्डेय रचित ‘झारखंड के वीर शहीद’ के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि पद से विचार व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के बाद यहां के महापुरुषों के संबंध में आम लोगों की भी जिज्ञासा बढ़ी है. अब कुछ शोध कार्य भी हो रहे हैं. लेखन भी हो रहा है और इसी का एक उदाहरण यह पुस्तक ‘झारखंड के वीर शहीद.’ उन्होंने कहा कि इस तरह के लेखक की आवश्यकता जिलों और प्रखंडों के स्तर भी है, क्योंकि झारखंड के गांव-गांव में इस प्रकार की वीर-गाथाएं मौजूद हैं और उन्हें उजागर होना चाहिए.
समारोह की अध्यक्षता करते हुए रांची दूरदर्शन के पूर्व निदेशक प्रमोद कुमार झा ने कहा कि इतिहास के तथ्यों पर आधारित साहित्यिक रचना आसान काम नहीं होता. इसमें बहुत तरह की समस्याएं आती हैं और उनके बीच से निदान निकाल कर रचनाकार को आगे बढ़ना होता है. झारखंड के वीर शहीद पुस्तक में इतिहास और कल्पना का बहुत ही सुंदर संयोग है. उन्होंने इस बात की आवश्यकता महसूस की कि इस पुस्तक को शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये. इसका लाभ यह होगा कि जो इन महापुरुषों को नहीं जानते, वे इन्हें जानेंगे और जो जानते हैं, उनका भी ज्ञानवर्द्धन होगा. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि पाठ्यक्रम में शामिल करना संभव नहीं हो सके तो इसकी प्रतियां सरकार छात्रों को उपलब्ध कराये, ताकि उनकी अभिरुचि महापुरुषों में जगे.
समारोह की विशिष्ट अतिथि के रूप में वीर शहीद पाण्डेय गणपत राय की वंशज डॉ. वंदना राय ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस पुस्तक में झारखंड के उन गुमनाम वीर शहीदों की भी रोचक चर्चा है, जिन्हें हम नहीं जानते थे. उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में अपने पूर्वज की वीर-गाथा को पढ़कर बड़ी प्रसन्नता होती है. कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ. प्रभात प्रकाशन के झारखंड प्रभारी राजेश कुमार शर्मा ने पुस्तकें प्रदान कर अतिथियों का स्वागत किया. स्वागत भाषण करते हुए झारखंड के वीर शहीद पुस्तक के रचयिता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय ने आगत अतिथियों का अभिनंदन करते हुए पुस्तक की रचना के उद्देश्य और आनेवाली समस्या पर प्रकाश डाला. आकाशवाणी रांची के पूर्व उद्घोषक एवं साहित्यकार सुनील सिंह बादल ने कीर्ति चर्चा की. समारोह में गीता चौबे गूंज ने तुलसीदास के जीवन वृत्त पर कविता का पाठ किया. धन्यवाद ज्ञापन राजेश कुमार शर्मा ने किया. इस अवसर पर अनेक गणमान्य पत्रकार एवं साहित्यकार उपिस्थत थे.

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