राजभवन और सरकार के बीच बढ़ रही तल्खी, कई मामलों में राजभवन से तरेरी हैं आंखे

रांचीः झारखंड में सियासी उठा-पटक या टीएसी का मामला हो या फिर हिंसक उपद्रव की घटना। हर मामले को राजभवन ने गंभीरता से लिया। राजभवन में कई विधेयकों की खामियों को गिनाते हुए सरकार को वापस भी लौटाया। इस वजह से राजभवन और सरकार के बीच तल्खी बढ़ती नजर आ रही है। बताते चलें कि राजभवन ने ट्राइबल यूनिवर्सिटी से संबंधित विधेयक राज्‍य सरकार को वापस कर दिया था। जिससे सरकार भी असमंजस में पड़ गई थी। इसके पहले भी कई ऐसे मौके आये हैं, जब राजभवन ने अपनी आंखे तरेरी, जिससे सरकार असहज महसूस करने लगी। मॉब लिंचिंग मामले पर भी राजभवन ने आंखे तरेरी। बताते चलें कि राजभवन ने पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विवि विधेयक को दस आपत्तियों के साथ राज्‍य सरकार को वापस कर दिया। इसमें कहा गया कि हिंदी और अंग्रेजी के विधेयक में अंतर है। सरकार ने विधानसभा से देश के दूसरे ट्राइबल यूनिवर्सिटी के संबंध में प्रस्‍ताव पास कराया था। जनजातीय आबादी के हित में लिये गये बड़े निर्णय के रूप में इसे पेश किया गया, इसकी मार्केटिंग भी की गई। फिर राजभवन ने ट्राइबल एडवाजरी काउंसिल के गठन संबंधी नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए राज्‍य सरकार को वापस कर दिया था। इस नियमावली को लेकर पहले से बवाल मचा हुआ था। पूर्व राज्‍यपाल द्रौपदी मुर्मू के समय ही यह संशोधन किया गया था। दरअसल मुर्मू ने दो सदस्‍यों के मनोनयन पर अपने अधिकार का इस्‍तेमाल करते हुए आपत्ति जतायी तो सरकार ने नियमावली में ही परिवर्तन करते हुए राज्‍यपाल को मनोनयन की प्रक्रिया से बाहर कर दिया। फिर राजभवन ने टीएसी की संशोधित नियमावली को ही असंवैधानिक करार दिया। इसी टीएसी के माध्‍यम से हेमन्‍त सरकार ने जनगणना में आदिवासी धर्म कोड का विधानसभा से सर्वसम्‍मत पारित प्रस्‍ताव राजभवन भेजा था। इसके बाद सिमडेगा में पूरे गांव और पुलिस वालों की मौजूदगी में एक युवक की हत्‍या कर जला देने का मामला सामने आया तो राज्‍यपाल ने डीजीपी नीरज सिन्‍हा को राजभवन तलब कर लिया। राजभवन ने यूनिवर्सिटी में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए जेपीएससी अध्यक्ष के प्रति नराजगी की जाहिर की। सिविल सेवा परीक्षाओं के विवाद और उठे सवाल पर भी बिंदुवार जवाब मांगा था। राजभवन ने उत्‍पाद नीति को लेकर भी फाइल मांगी थी। फिलहाल राजभवन की नजरें रांची में हुए बवाल पर टिकी हैं। राजभवन ने डीजीपी सहित कई वरीय अफसरों से इस पर जानकारी ली है। राजभवन इस मामले में लगातार मॉनिटिरिंग भी कर रहा है।

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