चर्चा में है सशस्त्र सीमा बल का मानव धर्म…

सविंद्र कुमार सिंह
गया: जिले के बोधगया थानाक्षेत्र में धनावां गांव में बने पंचायत सरकार भवन में एसएसबी क्षेत्रीय वाहिनी मुख्यालय है। एक ओर एसएसबी जिले के विभिन्न इलाकों में नक्सल चुनौतियों से लगातार लड़ रही है। वहीं इस भीषण गर्मी में आम लोगों और राहगीरों के लिए प्याऊ की व्यवस्था भी कर रही है।
इस बाबत गणादेश से कमांडेंट एच के गुप्ता ने सामान्य बातचीत में इसे मानव धर्म की संज्ञा दी है। चौबीस घंटे घड़े का ठंढे पानी ही नहीं एक पारदर्शी डब्बे में बताशे की व्यवस्था भी की गई है। एके वरूण उप कमांडेंट ने बताया कि गया जैसे स्थान पर 42-44 डिग्री तापमान है। सड़क किनारे लगे अधिकांश चापाकल बेकार पड़े हैं। कुओं का प्रचलन समाप्त हो गया है। ऐसे में राहगीरों और आम लोगों को प्यास से जूझना पड़ता है। इस क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों, मजदूरों, फेरी रेहड़ी वालों, कूरियर कर्मचारियों महिलाओं पुरुषों को यहां ठंढे पानी से प्यास बुझाते देख सुकून मिलता है। उन्होंने बताया कि वास्तव में यह व्यवस्था कमांडेंट गुप्ता जी की भावनात्मक पहल से शुरू किया गया है। घड़े की स्वच्छता, ठंढे पानी को भरने और उसे गीला रखने की जिम्मेदारी भी बखूबी दी गई है। वास्तव में समाज में बढ़ रही दूरियां और लगातार घटते जा रहे भावनात्मक सहयोग की भावनाओं के बीच मानवता और जिम्मेदारी को बचाए रखने की सीख एसएसबी के इस मुख्यालय में मिलती है।
डिप्टी कमांडेंट ज्ञानेंद्र ने कहा कि समाज के हर तबके खासकर युवाओं को इस प्रकार की पहल के लिए एक कदम आगे बढ़ाना वर्तमान समय की मांग है।

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