महात्मा गांधी के सपनों का विद्यालय का हाल है बेहाल

मिहिजाम गणादेश ।

महात्मा गांधी के सपनों का विद्यालय माने जाने वाले मिहिजाम राज्य किए कृत बुनियादी विद्यालय जामताड़ा जिला शिक्षा विभाग की उपेक्षा का शिकार है। इस विद्यालय के चार दिवारी पूरी तरह से टूट चुकी है इससे विद्यालय में पशु प्रवेश कर विद्यालय प्रांगण को गंदा कर रहे हैं। वहीं आसपास के लोग अब विद्यालय परिसर में ही घरों के कचरा फेंक रहे हैं। इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिस बापू की अनुसरण करते हुए जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग साफ-सफाई की बड़ी-बड़ी बैनर पोस्टर में महात्मा गांधी की तस्वीर लगा लोगों को जागरूक करते हैं उन्हीं बापू के सपनों का विद्यालय गंदगी की शिकार है ।मिहिजाम राजकीय बुनियादी विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक की कुल 693 छात्र-छात्राएं पठन-पाठन करते है। वर्ष 2018 में तेज बारिश की वजह से चार दिवारी टूट चुकी थी। बाद में दीवार गिरने की डर से विद्यालय प्रशासन की ओर से दीवार को ढहा या गया था। अभी चारदीवारी विहीन विद्यालय में छात्र पठन-पाठन करने को मजबूर है।
क्या है राजकीयकृत बुनियादी विद्यालय का इतिहास

महात्मा गांधी के सपनों के विद्यालय के रूप में राजकीयकृत बुनियादी विद्यालय देश भर में जाना जाता है। छात्र छात्राओं को पठन-पाठन के साथ समाज की सभी बुनियादी शिक्षा मिले इसी को लेकर खुद बापू ने बुनियादी विद्यालय की स्थापना किए। इसके बाद देशभर में बेसिक शिक्षा, सामाजिक दायित्व छात्रों को मिले इस उद्देश्य से बुनियादी विद्यालय की स्थापना देशभर के कई जिलों में बुनियादी विद्यालय खोला गया। जामताड़ा जिला में 4 बुनियादी विद्यालय हैं जिसमें से जामताड़ा प्रखंड 2 विद्यालय मिहिजाम व मेजिया तथा करमाटांड़ प्रखंड में दो करमाटांड़ तथा रामपुर में बुनियादी विद्यालय है। विडंबना देखिए कि पूर्व में इस बुनियादी विद्यालय में ही साफ-सफाई को लेकर छात्र छात्राओं को 10 अंक दिया जाता था। जिसे वर्ग के फाइनल परीक्षा में अंक पत्र के साथ जोड़ा भी जाता था। बाद में इसी का अनुसरण करते हुए शिक्षा विभाग सभी विद्यालयों में साफ सफाई के लिए विद्यालय ग्रेडिंग को निर्धारित किया।

क्या कहते हैं छात्र
विद्यालय के छात्र सुलेखा कुमारी, कार्तिका कुमारी, पूजा, संजय कुमार, नीरज कुमार आदि ने कहा कि दीवार टूटी होने के कारण विद्यालय में हम ठीक से खेल नहीं पाते हैं । स्कूल में गाय ,भैंस एवं कुत्ते का डर खेलते वक्त लगा रहता है।
चार दिवारी टूटी होने के कारण गंदगी से होकर इन दिनों हम विद्यालय आते जाते हैं। खेलते वक्त भी हमें काफी परेशानी होती है।
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
विद्यालय के प्रधानाध्यापक एस के मुखर्जी ने कहा कि समस्या से विभाग को अवगत कराया गया है।जिला शिक्षा विभाग की ओर से आश्वासन मिला है। जल्द ही विद्यालय की चारदीवारी निर्माण कार्य किया जाएगा।

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