राज्य की बड़ी आबादी को उसके अधिकार और आरक्षण से दूर रखने की तैयारी : सुदेश
रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और झारखंड सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि झारखंड में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर सरकार सामाजिक न्याय और विचारों को तिलांजलि दे दी है। पिछड़ा आरक्षण तय किए बिना पंचायत चुनाव कराने की बात कहना झारखंड की बड़ी आबादी के साथ बेमानी है।
विधानसभा में हमारी पार्टी के विधायक श्री लम्बोदर महतो द्वारा लाए गए एक नीतिगत सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा यह कहे जाने पर कि सरकार ट्रिपल टेस्ट के बिना पंचायत चुनाव कराएगी, इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सुदेश महतो ने कहा है कि जब 2 साल पंचायत चुनाव टाला गया तो और दो-तीन महीने क्यों नहीं रुका जा सकता? सरकार के इस निर्णय से पिछड़ों को 5 साल तक उनके संवैधानिक और वाजिब हक अधिकार से वंचित किया जा रहा है। वैसे भी पिछड़ा आरक्षण बढ़ाने के लिए राज्य में लगातार आवाजें उठाई जा रही हैं।
पिछड़ों की नजरें पंचायत चुनाव से पहले आरक्षण की सीमा तय करने पर लगी हैं। पंचायती राज व्यवस्था में पिछड़ों को उनका संवैधानिक अधिकार और भागीदारी मिले, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जबकि सामाजिक न्याय के मुद्दे पर सरकार ने अपनी लोक कल्याणकारी भूमिकाएं खो दीं हैं।