उपयाजक नेलशन कुजूर आई एम एस का पावन पुरोहिताभिषेक संत जोसेफ चर्च महुआडांड़ प्रांगन में सम्पन्न
लातेहार: तीन जून मंगलवार को संत जोसेफ चर्च प्रांगन में एक दिव्य और भावपूर्ण वातावरण में उपयाजक का पुरोहिताभिषेक सम्पन्न हुआ। यह पावन अनुष्ठान बिशप थियोडोर मास्करेनहास एस एफ एक्स की अनुष्ठान में संपन्न हुआ।जिसमें 50 पुरोहित, हजारों धार्मिक जन, परिवारजन और प्रभु भोज समारोह सुबह 7 बजे पारंपरिक आदिवासी संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ आरंभ हुआ। अपने प्रवचन में बिशप थियोडोर ने पुरोहिताई के गहरे अर्थ पर प्रकाश डालते हुए सेवा, नम्रता और ईश्वर व उसके लोगों के प्रति समर्पण का संदेश दिया। उन्होंने नव अभिषिक्त फादर नेलशन कुजूर से आग्रह किया कि वे यीशु के समान एक सच्चे चरवाहे बनें।विशेषकर गरीबों और वंचितों के लिए।फादर नेलशन कुजूर महुआडांड़ के गांव रेगाई टॉकाटोली के मूल निवासी हैं।अपनी सादगी, निष्ठा और आध्यात्मिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनके पुरोहित बनने को स्थानीय कलीसिया के लिए एक विशेष आशीर्वाद और गौरव का क्षण माना जा रहा है।
हाथों के रखे जाने और अभिषेक की प्रार्थना के बाद, फादर नेल्सन कुजूर के पुरोहितीय परिधान (स्टोल और चासुबुल) पहनाई गई, जो उनके नए उत्तरदायित्व का प्रतीक है। इसके पश्चात उन्होंने अपने प्रथम मिस्सा बलिदान में भाग लिया और अपने माता-पिता, बिशप थियोडोर और उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रथम आशीर्वाद प्रदान किया। पूरे समारोह को आयोजन करने में महुआडांड़ पल्ली के विश्वासियों में महुआडांड़ के पल्ली पुरोहित फादर सुरेश किंडो, पल्ली के कैथोलिक सभा, महिला संघ, यूथ संघ और पूरे पल्ली के विश्वासी गण ने किया। इस पवित्र बेला में सोसायटी ऑफ इंडियन मिशनरी के प्रदीप कुमार, रीजनल सुपीरियर I M S रांची,संजय गिद्ध विकार जनरल डाल्टनगंज धर्मप्रान्त,डीन फादर मोरिस टोप्पो, मंच का संचालन फादर रौशन केरकेट्टा ने किया।वही कोयल दल का नेतृत्व फादर दिलीप और होलीकॉस की धर्म बहन ने किया।नवअभिशिक्त फादर नेलशन कुजूर को उनके आने वाले जीवन की शुभकामनाएं सभी फादरों ने दी।। पूरे पल्ली में सुबह से ही लोगों में चहल पहल और जोश देखा गया। सात बजे पल्ली के माता पिता और भाई बहन उपयाजक नेलशन कुजूर को नाचते गाते हुए मिस्सा के लिए स्वागत करते पवित्र वेदी तक लाऐ।जहां नेलशन कुजूर के मां और चाचा ने बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास के हाथों में पवित्र कलीसिया की सेवा के लिए सौपा।पवित्र मिस्सा के बाद नये फादर और बिशप के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये।

