आरा सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम
अनूप कुमार सिंह
भोजपुर(आरा)जिला मुख्यालय स्थित आरा सदर अस्पताल में कुव्यवस्था का आलम कायम है।अस्पताल परिसर में पूरी तरह गन्दगी का अंबार लगा हुआ है।बिहार के मॉडल सदर अस्पताल होने के बावजूद मरीजों की हालत काफी खराब है।कोई भी तारणहार द्वारा अस्पताल परिसर में व्याप्त कुव्यवस्था को दूर करने के लिए समुचित प्रयास नहीं किया गया।मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।आखिर कौन मसीहा आएगा,जो आरा सदर अस्पताल परिसर को गन्दगी से मुक्त कराएगा।यह सवाल सभी मरीजों के परिजनों के मन में स्वतः आना स्वाभाविक है।पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती मरीज तारणहार के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं।
14 दिनों से गंदगी का अंबार लगा हुआ है। असहाय लचार बुजूर्ग व भर्ती महिला मरीज के बेड के नीचे कचड़ा लगा हुआ है।लेकिन कोई भी अधिकारी व नेता निरीक्षण करने नहीं पहुंच पाए हैं।
गौरतलब हो कि सदर अस्पताल आरा बिहार में मॉडल अस्पताल के रूप में सबसे चर्चित अस्पताल माना जाता है।पर विडंबना यह है कि कोई भी संज्ञान लेने वाला अधिकारी व नेता नहीं है।अस्पताल परिसर में न ही कभी नियमित रुप से सफाई व्यवस्था दुरुस्त किया जाता है।कभी महिने में कुछ ही सेकेंड के लिए अधिकारी राउंड लगाते हैं।अगर नियमित रूप से निरक्षण करते तो नजारा कुछ और दिखता। गौर करने वाली बात तो यह है कि आरा सदर अस्पताल में अधिकारी एवं जनप्रतिनिधीयों के साथ बड़े नेता कभी कभी अपना बीपी /सुगर / बुखार / वजन आदी नियमित चेकप कराते तो परिसर की स्थिति कुछ और होती। पूरे परिसर की साफ सफाई की सारी जवाबदेही आउटसोर्शिंग को दी गयी है। ऊचे दर पर वो भी तीन टाईम तीन सत्र में फर्श सफाई से लेकर शौचालय सफाई व भोजन तथा सुरक्षा को लेकर जवाबदेही तय है।लेकिन बेहतर प्रबंधक एवं मॉनीटिरींग न करने के कारण सिर्फ एक नाममात्र का सुपरवाईजर होना समस्या का मूल कारण है।
सदर अस्पताल का रोगी कल्याण समिति भी अपनी जिम्मेवारी को सही तरीके से निर्वहन नहीं कर पाता है।
सदर अस्पताल के किसी भी विभाग में चाहे वो इमरजेंसी विभाग हो किसी भी विभाग में चार्जेब्ल एलईडी बल्ब नहीं लगा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि कभी भी बिजली नहीं रहने पर, मोमबत्ती व मोबाईल टार्च में मरीजों का इलाज किया जाता है।
रोगी कल्याण समिति का फंड न जाने किस मद में खर्च होता हैं।
सदर अस्पताल आरा में रोजाना पंजियन के रुप में 2 रूपया शुल्क लिया जाता है।अगर सही तरीके से नियमित साफ सफाई पर खर्च होता तो नजारा कुछ और होता।अस्पताल परिसर का जो टीम मदर टेरेसा सेवाकर्मी व संत रविदास जनसेवा संगठन भोजपुर के संस्थापक महासचिव सह समाजसेवी अमरदीप कुमार जय पिछले एक दशक से सदर अस्पताल आरा की कुव्यवस्था को लेकर सुझाव व शिकायत कर रहें हैं।घायल, लाचार व बीमार लवारिस भर्ती मरीजों को लगातार निशुल्क सेवा कार्य अभियान चलाकर अपने टीम के साथ प्रयासरत हैं ।फिर भी कोई हौसला अफजाई करने वाला या सहयोग करने की भावना लिए उनसे संपर्क नहीं किया। लगातार कई महीनों से समाजसेवी अमरदीप कुमार जय अस्पताल में भर्ती मरीजों के कल्याण में लगे हुए हैं।जो कि सेवा मानना से सिर्फ जान बचाने की खुशी का एक एक पल देते हुये अज्ञात लोगों हर संभव मदद कर रहे हैं।
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