गुरुद्वारा श्री गुरूनानक सत्संग सभा में शुक्राने का दीवान सजाया गया

रांची: गुरुद्वारा श्री गुरूनानक सत्संग सभा द्वारा रविवार को कृष्णा नगर कॉलोनी के गुरुद्वारा साहिब में शुक्राने का दीवान सजाया गया। दीवान की शुरुआत दोपहर 3.30 बजे सुखमनी साहिब जी के सामूहिक पाठ से हुई, गुरुद्वारा साहिब में उपस्थित साध संगत ने श्रद्धाभाव से एक स्वर में श्री सुखमनी साहिब जी के पाठ का उच्चारण सवा घंटे तक किया.इसके बाद स्त्री सत्संग सभा की शीतल मुंजाल द्वारा ” किलविखो नसवंजो करता घर आया…..” तथा ” कल तारण गुरु नानक आया…..” शबद गायन हुआ. शाम 4.30 बजे से 5.30 बजे तक हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी ने ” इक बाबा अकाल पूरख दूजा रबाबी मरदाना ……” तथा ” कलयुग बाबे तारेआ ……” एवं ” नानक आइआ नानक आइआ सतनाम पढ़ मंतर सुणाईआ……” जैसे कई शबद गायन कर साध संगत को निहाल किया.
शबद गायन के क्रम में गुरु घर के सेवक मनीष मिढ़ा ने कथावाचन करते हुए साध संगत को बताया कि श्री गुरूनानक देव जी का जन्म सन 1469 में राय भोई की तलवंडी, ननकाना साहिब (वर्तमान में पाकिस्तान में) में हुआ था. पिता मेहता कालू ने गुरुनानक जी और भाई मर्दाना जी को बीस रुपये दिए और कहा-नानक के साथ जाओ, कुछ असली सामान खरीद लाओ, जिसे बेचकर हम लाभ कमा सकें. इस तरह यदि आप एक लाभदायक लेनदेन करते हैं, तो अगली बार मैं फिर भेजूंगा. गुरुनानक देव जी और भाई मरदाना जी कुछ सामान खरीदने के लिए तलवंडी से चूहर-खाना की ओर चल पड़े. वे मुश्किल से गांव से दस-बारह मील ही निकले थे कि उन्हें एक गांव मिला, जहां एक वृक्ष के नीचे संतों की टोली को बैठे देखा जो कई दिनों से भूखे-प्यासे थी. गुरु नानक साहिब जी ने भाई मरदाना जी से कहा कि पिताजी ने हमें कुछ लाभदायक लेन-देन करने के लिए कहा है. जरूरतमंदों को खिलाने से ज्यादा लाभदायक कोई सौदा नहीं हो सकता. मैं इस सच्चे सौदे को नहीं छोड़ सकता. शायद ही कभी हमें मिलता है इस तरह कुछ लाभदायक लेन-देन करने का अवसर. गुरु नानक देव निकटतम गांव गए, जहां उन्होंने भरपूर मात्रा में रसद खरीदा, जिससे उन संतों ने भोजन बनाकर खाया. गुरुनानक साहिब जी ने यह जो ‘लंगर’ शुरू किया वो प्रथा आज तक चालू है.
श्री अनंद साहिब जी के पाठ के बाद गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह जी ने प्रकाश पर्व के सभी कार्यक्रमों के सफल समापन के लिए अरदास कर वाहेगुरु का शुक्रिया अदा किया. हुक्मनामा एवं कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ शाम 6 बजे दीवान की समाप्ति हुई. गुरुद्वारा श्री गुरूनानक सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने प्रकाश पर्व के सभी दीवानों में शामिल होने के लिए साध संगत का धन्यवाद किया तथा स्त्री सत्संग सभा समेत गुरु घर के सभी सेवादारों से इसी तरह गुरु घर की सेवा से जुड़े रहने को कहा.
सत्संग सभा के मनीष मिढ़ा ने साध संगत को बताया कि जनवरी को पटना साहिब में आयोजित श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए कृष्णा नगर कॉलोनी से श्रद्धालुओं का पहला जत्था तीन जनवरी को ट्रेन द्वारा रवाना होगा.सत्संग सभा में प्रकाश पर्व संगत के पटना साहिब से लौटने के बाद मनाया जाएगा,तिथि की घोषणा कुछ दिनों में कर दी जाएगी.
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने जानकारी दी कि यह विशेष दीवान श्री गुरूनानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व के सफल समापन पर वाहेगुरु का शुक्रिया अदा करने के उपलक्ष्य में सजाया गया.
दीवान की समाप्ति के बाद सत्संग सभा द्वारा चाय नाश्ते का लंगर चलाया गया. आज के शुकराना दीवान में द्वारका दास मुंजाल, सुंदर दास मिढ़ा,सुरेश मिढ़ा, हरगोबिंद सिंह,नरेश पपनेजा,अशोक गेरा,मोहन काठपाल,मोहन लाल अरोड़ा,जीवन मिढ़ा, वेद प्रकाश मिढ़ा,हरीश मिढ़ा,अमरजीत गिरधर, बिनोद सुखीजा,अनूप गिरधर, रमेश पपनेजा, महेश सुखीजा,इंदर मिढ़ा,कंवलजीत मिढ़ा,आशु मिढ़ा, नवीन मिढ़ा,राकेश गिरधर, सूरज झंडई,शेंकी मिढ़ा,भूपिंदर सिंह,पवनजीत सिंह खत्री, महेंद्र अरोड़ा,कमल अरोड़ा,सोनू खुराना,बॉबी खत्री,हरविंदर सिंह,उमेश मुंजाल,जसपाल मुंजाल,अजय मुंजाल, भरत गाबा,ईशान काठपाल,नीरज सरदाना,गीता कटारिया, गुड़िया मिढ़ा, मंजीत कौर, तीर्थी काठपलिया,नीता मिढ़ा, इंदु पपनेजा, रेशमा गिरधर, मीना गिरधर, बिमला मिढ़ा,बंसी मल्होत्रा, मनोहरी काठपाल,अमर मुंजाल, खुशबू मिढ़ा, ममता थरेजा,नीतू किंगर,श्वेता मुंजाल ,रजनी मक्कड़,गूंज काठपाल,गरिमा अरोड़ा,ऊषा झंडई,किरण अरोड़ा समेत अन्य शामिल थे।

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