त्रिकुट पर्वत रोप वे हादसे के बाद राजगीर में रोपवे की बढ़ा दी गई है सुरक्षा

पटनाः  झारखंड के देवघर के त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे के बाद राजगीर में भी रोपवे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रोपवे  का संचालन कर रही कंपनी सीआरएसपीएल यानी कन्विनियर एंड रोप वे सर्विसेज प्रा लि ने दावा किया कि यह हर सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने वाली है। रोजाना रोपवे के परिचालन के दो घंटे पूर्व मेंटनेंस और सुरक्षा की जांच की जाती है। इसके बाद अपर व लोअर स्टेशन इंचार्ज की लिखित सूचना के बाद रोपवे का परिचालन शुरू किया जाता है।
मोनोकेबल केंडूला डिटैचेबल ग्रिप तकनीक से एट सीटर केबिन रोपवे परिपूर्ण है। उन्होंने देवघर जैसी घटना की पुनरावृत्ति की नहीं होने का दावा भी किया। कहा कि निर्माण के दौरान रत्नागिरी पर्वत के पत्थरों और मिट्टी की गहन जांच कर टावर का फाउंडेशन किया गया है। फिर टावर के उपर लोड, विंड प्रेशर आदि को देखकर डिजाइन किया गया है। डिजाइन में सभी ए टू जेड सेफ्टी का ख्याल पांच गुना अधिक रखा गया है। अगर केबिन बीच रास्ते में रुक जाती है तो वर्टिकल रेस्क्यू के तहत केबिन में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने की भी व्यवस्था की गई है। सिंगल चेयर रोपवे से फोल्डेबल सीढ़ियों के सहारे निकालने की व्यवस्था है। रोपवे को चेन के सहारे इधर-उधर करने की भी सुविधा है। इससे रेस्क्यू आसान हो जाता है।

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