रोबोटिक कार्डियक सर्जरी मधुमेह और वृद्ध मरीजों के लिए सबसे बेहतर विकल्प: डॉ. सौरव मुखर्जी

रांची: आजकल के भागदौड़ के जीवन में मनुष्य को कई तरह की बीमारी अपने आगोश में ले रही है। उनमें से सबसे अधिक हार्ट अटैक की बीमारी भी है। इस बीमारी का इलाज के लिए कई मरीज ओपेन हार्ट सर्जरी करवाते हैं,इसमें खर्च भी बहुत अधिक आता है और गारंटी कुछ भी नहीं है। ऐसे में अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई की टीम ने रोबोटिक कार्डियक सर्जरी के माध्यम से रांची के 80 वर्षीय केशरी कुमार का सफल ऑपरेशन किया है।


शुक्रवार को प्रेस क्लब रांची में अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई के डॉक्टर सौरव मुखर्जी,डॉक्टर रेशमा सिंह और डॉक्टर एमएम यूसुफ ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर रोबोटिक कार्डियक सर्जरी के बारे में जानकारी दिया है।
डॉक्टर एमएम यूसुफ ने कहा कि रोबोटिक कार्डियक सर्जरी एक विधि है जो रोगियों को ओपन हार्ट सर्जरी की तुलना में काफी तेजी से अपने दैनिक जीवन में लौटने में मदद करता है। सर्जरी छोटे छेदों और बाई छाती में 5 सेंटीमीटर के कट से की जाती है ।रोबोटिक हाई डेफिनेशन कैमरा के माध्यम से सर्जनों के सर्जरी में आसानी होती है। रोगियों को कम खून की कमी और नगण्य पोस्ट ऑपरेटिव गांव संक्रमण होगा। साथ ही उसमे रिकवरी भी जल्दी होती है। 2 से 4 दिन में तेजी से जुड़ा होता है। इस सर्जरी में पांच से छह लाख रुपए का खर्च आता है। इसकी सर्जरी अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई में होती है।
वहीं डॉ. रेशमा सिंह ने कहा कि इसमें दो से तीन सप्ताह ही मरीज को अस्पताल में रहना है। उसके बाद वह काम पर लौट सकता है।
वहीं रांची के 84 वर्षीय वृद्ध केशरी कुमार जो हाल ही में रोबोटिक कार्डियक सर्जरी करवाकर लौटे हैं,उन्होंने इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पहले हमेशा छाती में दर्द रहता था। रोबोटिक सर्जरी कराने के बाद मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *