बिहारियों की पहचान 216 टुकड़ों में बांट कर लगाया बार कोड का ठप्पा : ऋतुराज
पटना : बिहार में जातिगणना का दूसरा फेज शुरू हो रहा है। जातियों को कोड दिए गए हैं। इसपर भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने नीतीश सरकार पर इशारों-इशारों में जमकर हमला बोला। ऋतुराज सिन्हा ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि बिहार में जातिगत जनगणना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र के फलस्वरूप, जो एकता, राष्ट्रीयता और सामाजिक समरसता की लहर देश में प्रवाहित हो रही है, उसने जातिवादी ताकतों को जड़ से विचलित कर दिया है।
भाजपा नेता ने कहा कि अब हम बिहारियों की पहचान को 216 टुकड़ों में विखंडित कर दिया गया है और उस पर नंबर कोड का ठप्पा लग चुका है। जातीय राजनीति की मलाई खानेवाले अपना नया प्रपंच लेकर तैयार हैं। बिहार की विभाजनकारी सरकार, जो अपने को महागठबंधन कहती है और सामाजिक समता का ढोंग करती है, वो अंग्रेजों की फूट डालो, राज करो की नीति से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को चुनाव करना है कि आप एक हैं या 216। आपकी पहचान दुनिया की सबसे गौरवशाली संस्कृति के भविष्य के रूप में है या फिर टुकड़े-टुकड़े समूह के द्वारा निर्धारित एक कोड नंबर के रूप में।
बता दें कि बिहार में में जातिगणना का दूसरा फेज 15 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। बिहार जाति आधारित गणना में जिस तरह हर जाति के लिए अलग कोड है। उसी तरह धर्म, शिक्षा, पेशा, रिश्तेदारी से लेकर लैपटाप और कार के लिए भी सामान्य प्रशासन विभाग ने कोड तय कर दिए हैं।
अगर आप कुंवारे हैं तो आपका कोड भी सिंगल यानी 01 होगा। इसी तरह रिश्तेदारी के हिसाब से भी कोड है। जैसे दामाद या बहू के लिए सात तो सास-ससुर के लिए नौ अंक को कोड के रूप में दर्ज किया जाएगा।वहीं, विवाहित का कोड दो और तलाकशुदा का पांच होगा। कुल 214 तरह की जातियों की गणना 15 अप्रैल से की जानी है। जिनकी कोई जाति नहीं होगी उनके लिए 215वां नंबर है।