झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम को घाटा ही घाटा, हर महीने 175 करोड़ का रेवेन्यू गैप

हर महीने खरीदी जाती है 550 करोड़ की बिजली, कंज्यूमर से मिलता है 470 करोड़
वितरण निगम को हर महीने बिजली देने के एवज में 80 करोड़ का नुकसान
रांचीः झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम के लिए नो प्रोफिट नो लॉस तक पहुंचना अब तक सपना ही है। वितरण निगम को हर महीने घाटा पर घाटा हो रहा है। हर महीने कंपनी का रेवेन्यू गैप 175 करोड़ का है। अब तक इस गैप को पाटा नहीं जा सका है। इस गैप को पाटने के लिए वितरण कंपनी ने लगभग 8000 करोड़ रुपए का टैरिफ प्रस्ताव तैयार किया है। लेकिन झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग में अध्यक्ष और सदस्य नहीं होने के कारण अब तक यह प्रस्ताव पड़ा ही हुआ है। वहीं वितरण निगम हर महीने 550 करोड़ की बिजली खरीदता है, इसके एवज में वितरण निगम को 470 करोड़ रुपए ही राजस्व की प्राप्ति होती है।इस हिसाब से भी 80 करोड़ रुपए का नुकान हर महीने होता है। 2016-17 में सरकार ने 5223 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी थी. जो वर्ष 2018-19 में करीब 5740.18 करोड़ रुपया हो गया और अगले साल वर्ष 2019-20 में 6172.39 करोड़ की बिजली खरीदी गई। इस साल 6600 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जाएगी।
बिजली खरीदने पर किस साल कितने खर्च
वर्ष खर्च
2016-17 5223.00 करोड़
2017-18 5733.36 करोड़
2018-19 5740.18 करोड़
2019-20 6172.39 करोड़
2020-21 6300 करोड़
2021-22 6600 करोड़

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