राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया विजयादशमी उत्सव
गणादेश ब्यूरो
सरायकेला। विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरायकेला के स्वयंसेवकों ने विजयादशमी उत्सव का आयोजन अग्रसेन ठाकुरबाड़ी भवन मारवाड़ी धर्मशाला में किया। इस अवसर पर पथसंचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वयंसेवकों ने बैण्ड के साथ नगर भ्रमण किया।
बौद्धिक कार्यक्रम में बौद्धिक कर्ता के रूप में किशोर प्रसाद सह विभाग कार्यवाह जमशेदपुर उपस्थित रहे। नगर संघचालक सत्यनारायण अग्रवाल अभिभावक के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहे। स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए किशोर ने कहा कि एक सबल एवं संगठित समाज हेतु शक्ति संचय की जरुरत होती है। उन्होंने वर्तमान में संगठित हिन्दू समाज को ही सशक्त समाज का आधार बताया। हिन्दू समाज में विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन का विधान रहा है। संघ भी इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए शस्त्र पूजन करता है। उन्होंने शस्त्र को शक्ति साकार रूप बताते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। श्री किशोर ने कहा कि भगवान श्रीराम ने वनवासियों एवं वानरों की संगठित शक्ति के बूते असंभव को भी संभव बनाया। विजयादशमी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्थापना दिवस है। इसी दिन 1925 में संघ की स्थापना डाक्टर केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर में किया गया था। आज संघ को स्थापित हुए 100 वर्ष होने को हैं। इन 100 वर्षों में संघ ने हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनायी है। जिसका श्रेय ध्येयनिष्ठ एवं कर्मठ स्वयंसेवकों को जाता है। इसी संगठित शक्ति के दम पर हम अपनी देश को पुनः विश्व गुरु के पद पर स्थापित कर सकेंगे ऐसा हमारा पूर्ण विश्वास है। अतिथियों का परिचय जिला बौद्धिक प्रमुख नारायण कुमार ने कराया। मंच संचालन गौर गोविन्द साहा ने किया। कार्यक्रम के मुख्य शिक्षक अभय अग्रवाल एवं प्रार्थना वाचन सुमित बारिक ने किया। कार्यक्रम में सरायकेला के स्वयंसेवकों के अलावे खरसावां, कुचाई, राजनगर एवं सीनी के स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। बैण्ड की व्यवस्था सरस्वती शिशु मंदिर सीनी के आचार्य शेखर महतो के द्वारा किया गया। इस अवसर पर नुनाराम मांझी, अशोक दास, दीपक पति, आलोक दास, राजा ज्योतिषी, बद्रीनाथ दारोगा, गोरांग मंडल, प्रभात, अभिषेक, विरेंद्र, रोशन प्रजापति, आकाश अग्रवाल सहित दर्जनों की संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।