रांची का हरमू मैदान बना मिथिलांचल, पारंपरिक परिधान,मांछ मखान,कला संस्कृति का हुआ खूब बखान

रांची: राजधानी रांची का ऐतिहासिक हरमू मैदान रविवार की शाम पूरी तरह से मिथिलांचल बन गया था। मौका था झारखंड मिथिला मंच का तीन दिवसीय मिथिला महोत्सव का। शनिवार को महोत्सव के दूसरे दिन मिथिला साहित्य सम्मान-2023 के लिए महेंद्र मलंगिया को सम्मानित किया गया। साथ ही मुख्य अतिथियों के द्वारा समारिका का भी लोकार्पण किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश,सांसद संजय सेठ,भाजपा विधायक सीपी सिंह,नवीन जायसवाल,मंच के अध्यक्ष मनोज मिश्रा थे। सभी अतिथियों का स्वागत मंच के द्वारा किया गया। सबसे खास बात और दिलचस्प यदि रहा की मिथिला मंच के सभी सदस्य मिथिलांचल के पारंपरिक परिधान धोती कुर्ता, पाग, डोपटा, में दिखे। वहीं आगत अतिथियों ने मिथिलांचल की संस्कृति की खूब प्रशंसा किया। साथ ही झारखंड में मिथिला भाषा को सम्मान देने की बात कही। वहीं मंच के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहा कि आज संपूर्ण रांची मिथिलामय है। हरमू मैदान में लगा आनंद मेला और इसमें उपस्थित भीड़ हमें इतना उत्साहित कर रहा है कि मुझे लगता है कि हम अपने उद्देश्य में सफल होने की दिशा में अग्रसर है। मैथिली भाषा के विकास एवं समस्त समाज के कल्याण हेतु वे प्रतिबद्ध है वर्षभर मंच द्वारा चलने वाला विभिन्न कार्यक्रम का ही सुखद परिणाम है कि आज मिथिला महोत्सव के अवसर पर संपूर्ण हनुमान मिथिला में हो गया है। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक मिथिला गीत की प्रस्तुति हुई। हरी नाथ झा ने विद्यापति गीत प्रस्तुत किया। पूनम मिश्रा, रंजना झा, माधव झा, जुली झा ने मिथिला लोक गीत पर समा बांधा। रातभर लोगों ने मिथिलांचल के गीत संगीत का आनंद लिया।
कार्यक्रम में संयोजक संतोष झा श्री गोपाल झा, आर सी चौधरी ब्रह्मानंद जा भुवन किशोर झा, सर्वजीत चौधरी सहित कई मिथिला मंच के सदस्य उपस्थित थे।

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