झारखण्ड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए विभाग कटिबद्ध : प्रशांत कुमार

कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों की शिकायतों को किया जा रहा है दूर,जल जीवन मिशन के तहत झारखण्ड में 2024 तक हर घर में नल से होगा जल उपलब्ध

रांची : गर्मी में झारखण्ड जैसे पठारी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या अधिक होती है.इसबार प्रचंड गर्मी में तो कई इलाके में तो पेयजल की समस्या अप्रैल में ही होने लगी है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पेयजल की समस्या नहीं हो इसके लिए पेयजल एवं स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग इस और कई कदम उठा रही है. विभाग की तैयारियों पर विभागीय सचिव प्रशांत कुमार ने गुरुवार को मीडिया में जारी किया है. उन्होंने प्रेसवार्ता कर बताया कि राज्य स्तर पर एवं पेयजल एवं स्वच्छता सम्बंधित प्रकार के जन शिकायतों के त्वरित निष्पादन के लिए राज्यस्तरीय वेब आधारित कॉल सेंटर स्थापित किया गया है. कॉल सेंटर सुबह 8:00 बजे से लेकर संध्या 8:00 तक चालू रहेगा.इस कॉल सेंटर में जन शिकायतों को विभिन्न माध्यमों से दर्ज किया जा रहा है। विभागीय सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि ग्रामीण परिवारों के जीवन में स्वच्छता स्वास्थ्य सम्मान एवं स्वाभिमान सुनिश्चित करने के उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल से जल उपलब्ध कराना है. जल जीवन मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी गांव में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से ग्राम कार्य योजना तैयार किया जा रहा है. जिससे गांव में ग्रामसभा के माध्यम से अनुमोदित किया जा रहा है. प्रत्येक परिवार को इस योजना अंतर्गत नल से जल उपलब्ध कराने हेतु राज्य के क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए विभाग दो प्रकार की योजनाओं का निर्माण कर रही है. एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना दूसरा बहू ग्रामीण जलापूर्ति योजना. उन्होंने कहा कि वर्ष तक राज्य के कुल 5923320 ग्रामीणों को चरणबद्ध तरीके से क्रियाशील प्रदान करना है. योजना आरंभ होने के वर्ष 2019 तक राज्य में कुल 345165 घरों तक पहुंचाया गया था जो कि 31 मार्च 2022 तक 1160370 ग्रामीण परिवारों में जल का संयोजन किया जा चुका है. इस प्रकार योजना की समाप्ति तक अगले साल तक झारखंड में 4762950 घरों में नल से जल प्रदान किया जाना है. इसके अंतर्गत 2023 में2200000 घरों तक नल से जल उपलब्ध करने का लक्ष्य है.

विभागीय सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय प्रयोगशाला रांची को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एवं को लिबरेशन लैबोरेट्रीज जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत स्वायत्त निकाय हैं.उसके द्वारा 14 भौतिक रासायनिक 12 मीटर में मान्यता प्रदान किया गया है. साथ ही छह जिला स्तरीय जांच प्रयोगशाला हजारीबाग में दुमका, धनबाद, साहिबगंज, जमशेदपुर को सात रासायनिक पारा मीटर में जांच हेतु मन का प्रदान किया गया है. जल गुणवत्ता निगरानी एवं पेयजल आपूर्ति योजना के रखरखाव में समुदाय और विशेषकर महिलाओं जलसहिया स्वयं सहायता समूह का अहम भूमिका सुनिश्चित किया जा रहा है. इस प्रेसवार्ता में विभाग के अवर सचिव प्रणव कुमार पाल उपस्थित थे.

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