रामगढ़ जिले में चरमरा गई है विद्युत आपूर्ति व्यवस्था

गोला/रजरप्पा।
रामगढ़ जिले के प्रत्येक प्रखंड में पिछले 15 दिनों से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लेकिन इससे अलग विद्युत विभाग को आम लोगों से कोई लेना-देना दिखाई नहीं देता है। झारखंड विद्युत बोर्ड के अधिकारी आम लोगों की फोन तो उठाते नहीं है। कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहता है। पूछने पर पता चलता है कि साहब मीटिंग में रांची गए हुए हैं।
पिछले सप्ताह भर से बिजली आपूर्ति तो एकदम चरमरा सी गई है। सुबह हो या शाम, दिन हो या रात बिजली की आवाजाही लगातार बाधित रहती है। बिजली कटौती का कोई खास टाइम टेबल नहीं है । इस भीषण उमस भरी गर्मी में लोगों का जीना दूभर हो गया है। विद्युत बाधित होने के मुद्दे पर पूछने पर बताया जाता है कि बिजली की ज्यादा खपत के कारण ट्रीप हो जा रहा है। इस बात में बिजली विभाग के अधिकारियों की राय सही नहीं दिखती है। इसका मुख्य कारण बताया जाता है कि बिजली विभाग के अधिकारी सब स्टेशन में मेंटेनेंस के नाम पर केवल खानापूर्ति करते हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए गए बड़े ट्रांसफार्मर की भी रख रखाव नहीं के बराबर है। शहर में कहीं भी कुछ हुआ, तुरंत पूरे शहर की बिजली आपूर्ति रोक दी जाती हैं। इसके लिए आम जनता दोषी ही है या विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी? विद्युत विभाग के अधिकारी कार्यालय में रहते हैं और ना ही बाजार में नजर आते हैं। विद्युत विभाग के अधिकारी आम के साथ खास लोगों का भी फोन नहीं उठाते हैं।

क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का इससे कोई लेना-देना नहीं दिखता है। क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से चरमराई हुई है। इस संबंध में ना तो अभी तक सांसद और ना ही विधायक ने कोई चर्चा भी की है। डीवीसी ने जब विद्युत आपूर्ति बाधित किया था तो रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने जोरदार आवाज उठाई थी। लेकिन आज पिछले 15 दिनों से बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमराई हुई है। फिलहाल इस पर चेंबर का कोई हरकत नजर नहीं आ रहा है। रामगढ़ की जनता रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज से अपील किया है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के खिलाफ चेंबर आवाज उठाए। खास कर व्यवसाई वर्ग विद्युत आपूर्ति चरमराने से काफी व्यथित है। देसाई वर्गों को उम्मीद है कि रामगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज इस मुद्दे को अभिलंब सही जगह उठाएगा। क्योंकि क्षेत्र की जनता और व्यवसाईयो को अब अपने जनप्रतिनिधियों पर विश्वास नहीं के बराबर रह गया है। लोगों की यह सोच सही भी दिखती है। जनप्रतिनिधि आम लोगों की समस्याओं को लेकर कहीं भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। राजनीतिक दल के नेता या कार्यकर्ता अभी तक इस संबंध में कोई बयान तक जारी नहीं किया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रामगढ़ की जनता कितनी परेशान होगी।

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