जिले के दुर्दांत अपराधी चला रहे स्थानीय स्तर पर सत्ता
नीरज कुमार झा
पूर्णिया:पुलिस की नजर में भले ही इनामी अपराधी फरार चल रहा है । लेकिन वह स्थानीय स्तर पर सत्ता का भरपूर उपयोग कर रहा है। प्रखंड स्तर के ऐसे अधिकारी जो पंचायत स्तर से जुड़े हुए हैं । उनसे बेखौफ मिलते हैं, भले ही ऐसे अधिकारियों से मिलने का तरीका उनका सुनियोजित होता है।
बात
हो रही है रुपौली प्रखंड अंतर्गत टिकापट्टी थाना क्षेत्र के रहने वाले सपहा गांव निवासी फरार कुख्यात अपराधी पवन कुमार सिंह और मधेपुरा जिला के बिहारीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत हथियोंदा सिंदुरिया टोला गांव निवासी कुख्यात फरार अपराधी प्रमोद कुमार यादव के संदर्भ में । दोनों अपराधी भले ही पूर्णिया और मधेपुरा जिले की पुलिस वालों की नजर में फरार है । लेकिन वह अपने क्षेत्र में इस कदर सक्रिय है कि उनके बिना इलाके में पत्ता भी नहीं हिलता है।
स्थानीय स्तर पर दोनों के द्वारा पंचायत स्तर की राजनीति में महती भूमिका निभाई जाती है । किसी की क्या मजाल है कि उनके बातों से बाहर चले जाए । यही वजह है कि टिकापट्टी थाना क्षेत्र के रहने वाले कुख्यात अपराधी पवन सिंह ने अपनी पत्नी चंचल कुमारी पंचायत कोयली सिमरा पश्चिम को मुखिया तो भाई भंडारी मण्डल उर्फ पहाड़ी सिंह को जेल में ही मत्स्य जीवी समिति का चुनाव रुपौली प्रखंड में काफी अधिक मतों के अंतर से जिताने का काम कर लिया । इस मामले में कई बार स्थानीय स्तर पर विरोध के स्वर भी उठे। लेकिन उनके खौफ से किसी ने भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं दिखाई ।
ठीक इसी तरह पूर्णिया मधेपुरा की सीमा पर स्थित बिहारीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंदुरिया टोला हथियोन्दा गांव निवासी प्रमोद कुमार यादव का है। इलाके में उनकी तूती बोलती है । जब भी पूर्णिया पुलिस छापेमारी करने के लिए जाती है तो वह मधेपुरा की तरफ पलायन कर जाता है। और जब मधेपुरा पुलिस जाती है तो वह पूर्णिया की तरफ भाग कर शरण ले लेता है । कुछ इसी तरह का ही मामला पवन कुमार सिंह के साथ भी होता है। पुलिस और एसटीएफ की टीम की गिरफ्तारी के लिए जाती है तो वह नवगछिया समेत अन्य इलाकों में जाकर शरण ले लेता है।
….. पुलिस और एसटीएफ से बचने के लिए स्थानीय लोगों का लेते हैं सहारा
दोनों अपराधी पुलिस और एसटीएफ की टीम से बचने के लिए स्थानीय लोगों का सहारा लेते हैं । यही वजह है कि अब तक दोनों की गिरफ्तारी के लिए कई बार पुलिस और एसटीएफ की टीम गई। लेकिन उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। जब भी पुलिस और एसटीएफ की टीम जाती है कि स्थानीय लोग उग्र हो जाते हैं। फिर ईंट पत्थर से पुलिस पर भी प्रहार करना प्रारंभ कर देते हैं । कुख्यात अपराधी पवन कुमार सिंह के खिलाफ टिकापट्टी थाना में पुलिस पर हमला करने को लेकर भी अलग से कई मामले दर्ज हैं । धमदाहा एसडीपीओ रमेश कुमार कहते हैं कि जल्दी कुख्यात पवन कुमार सिंह की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। उनके खिलाफ 25 हजार रुपया का इनाम गिरफ्तारी करने को लेकर एसपी के द्वारा घोषित किया गया है । मत्स्यजीवी के चुनाव के दौरान पुलिस की टीम को कुछ भनक लगी थी । लेकिन इस मामले में उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई । उन्होंने कहा कि दोनों फरार अपराधी एसटीएफ की टीम के रडार पर है। जल्द ही दोनों की गिरफ्तारी होगी।
……फरार प्रमोद यादव पर दर्ज हैं 12 मामले
फरार कुख्यात अपराधी प्रमोद यादव पर 12 से अधिक मामले पूर्णिया और मधेपुरा जिला के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। लेकिन एक भी मामले में उनकी गिरफ्तारी अब तक सुनिश्चित नहीं हो पाई है । पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठना प्रारंभ हो गया है। मधेपुरा जिला के एसपी राजेश कुमार ने बताया कि प्रमोद कुमार की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल पुलिस टीम का गठन कर दिया गया है। वह अक्सर पुलिस की टीम को देखते ही सीमा बदलता है । उन्होंने कहा कि उनके गिरफ्तारी को लिए इनाम के लिए भी पुलिस मुख्यालय को लिखा गया है। मधेपुरा जिला के बिहारीगंज थाना में कांड संख्या – 14/2006, 129/2008, 45/2009, 12/2014, 137/2020, पुरैनी मधेपुरा कांड संख्या – 137/2012 दर्ज है । जबकि पूर्णिया जिला के बी कोठी – 84/ 2013, 06/ 2020, 08/2020,09/2021,धमदाहा कांड संख्या- 42/2014 दर्ज है।
…….दो जिला पुलिस के लिए बना हुआ सिर दर्द
दोनों अपराधी दो जिला की पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है । कुख्यात प्रमोद यादव मधेपुरा और पूर्णिया पुलिस के लिए तो फरार कुख्यात पवन कुमार सिंह पूर्णिया और पुलिस जिला नवगछिया के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। आखिर तमाम कोशिशों के बावजूद भी पुलिस और एसटीएफ की टीम के द्वारा आखिर दोनों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है। यह भी सवाल दिनों दिन उलझता ही जा रहा है। आम लोगों की माने तो दोनों अपराधियों के लिए पुलिस मुखबिर का काम करती है। जब भी पुलिस की टीम दोनों की गिरफ्तारी के लिए रवाना होती है कि उन्हें गुप्त सूचना मिल जाती है और दोनों फरार हो जाते हैं।