ओबीसी को आरक्षण लाभ से वंचित करने के आदेश को निरस्त करने की पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा की मांग

खूंटी: जिले में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण लाभ से वंचित करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश को निरस्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। यह खूंटी सहित पांच जिले में राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है। इस आदेश को निरस्त करने की झाविमो के पूर्व जिला अध्यक्ष सह पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने की है। इस बाबत उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। पत्र के मुताबिक उन्होंने कहा है कि खूंटी जिला सहित 5 अन्य जिलों में राज्य सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग संवर्ग के लोगों को जिला स्थापना से होने वाली नियोजन पर आरक्षण लाभ से वंचित रखा गया है, जो न्यायसंग नहीं है।
5 जिले में पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या भी अधिक है। जब सरकार के नियोजन संबंधि निति में पिछड़ा वर्ग के लोगों को BC & BC II में आरक्षण देने का प्रावधान रखा गया है, फिर उससे पिछड़ा वर्ग के लोगों को झारखण्ड राज्य में 5 जिलों के पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को आरक्षण लाभ से वंचित रखना उन पाँच जिलों के पिछड़ावर्ग के लोगों से नाईइसाफी किया जा रहा है।
श्री मिश्रा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के पाप को धोने का कार्य करे ढ़ोने का नहीं। 5 जिलों के पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण लाभ से वंचित कर दिजिए, तो इससे सरकार को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि आपका बड़प्पन तो तब होता जब पूर्व के सरकार रघुवर सरकार ने झारखण्ड राज्य के 13 जिलों को अधिसूचित क्षेत्र में रख कर पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को नियोजन नीति में आरक्षण के लाभ से वंचित करने का कार्य किया गया था। फिर आपकी सरकार ने 5 जिलों में भी वहीं नियम एवं परिनियम लागू किया है तो आपके और रघुवर की सरकार में अंतर क्या है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा जब रघुवर सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री थे तब ओबीसी आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। अब जब विपक्ष में हैं तो ओबीसी के हक में आवाज उठा रहे हैं।
हेमंत सोरेन की सरकार को खूंटी जिला सहित 5 जिलों में OBC कोटा के लोगों का आरक्षण लाभ से वंचित करने संबंधी अपने आदेश पर पुनर्विचार कर रद्द करना चाहिए।

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