पार्ट वनः गणादेश खोल रहा परत दर परत प्रेम प्रकाश का कारनामाः प्रेम प्रकाश को आंगनबाड़ी में पोषाहार सप्लाई के लिए मिला था 1700 करोड़ रुपये का काम
पूर्व सीएम रघुवर सरकार के समय में मिला था यह काम
उस समय पूजा सिंघल थी समाज कल्याण विभाग की निदेशक
रांचीः निलंबित आइएएस पूजा सिंघल प्रकरण में ईडी के जांच का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। इसमें ईडी को बड़ी मछली के रूप में प्रेम प्रकाश हाथ लगा है। जिसके पास कई घोटालों और काली कमाई के राज छिपे हैं। हालांकि वह धीरे-धीरे मुंह भी खोल रहा है। गणादेश पहली बार प्रेम प्रकाश के कारनामों का राज परत दर परत खेल रहा है। प्रेम प्रकाश के ऊपर पूजा सिंघल का आर्शीवाद हमेशा बना रहा। ईडी के दबिश के पहले तक पूजा सिंघल की कृपा बनी रही। पूजा जिस विभाग में रहीं वहां प्रेम प्रकाश काफी फले -फूले। यूं कहें की उस विभाग में प्रेम प्रकाश की तूती बोलती थी। पूजा की प्रेम पर ऐसी कृपा थी कि जब वे समाज कल्याण विभाग की निदेशक थी, तब आंगनबाड़ी में पोषाहार सप्लाई करने का काम प्रेम प्रकाश ने अपनी पसंद के कंपनी को दिलाया। वह भी नियम -कानून को ताक में रखकर। प्रेम प्रकाश इस समय साइजनर की भूमिका मे था। प्रेम प्रकाश के कहने पर ही मनपसंद कंपनी को 1700 करोड़ रुपए का काम मिला। 1700 करोड़ के इस फंड में केंद्र 60 फीसदी और राज्य सरकार ने 40 फीसदी राशि रिलिज की। यह लूट का सफर यहीं नहीं रूका। इस तीन साल के प्रोजेक्ट को बढ़ाकर पांच साल भी कर दिया गया। फिर दोबार 1700 करोड़ का काम प्रेम प्रकाश के कहने पर फिर वहीं कंपनी को मिल गया। इसमें भी प्रेम प्रकाश लाइजनर के रूप में करोड़ों कमाए। इसमें दो कंपनी का कार्यालय बोकारो और एक कंपनी का कार्यालय पतरातू में है। एक कंपनी के मालिक चढ्ढा और दूसरी कंपनी के मालिक अग्रवाल हैं। चढ्ढा यूपी की बड़ी हस्ती हैं। आंगनबाड़ी तक अनाज पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टर का काम प्रेम प्रकाश के कहने पर धनबाद के रूपेश को मिला। बदले में हर माह प्रेम प्रकाश को बतौर कमीशन मोटी रकम मिलती है। इस बार के फंड का भी कोई हिसाब किताब नहीं। अब ईडी इस मामले में भी अपनी दबिश बढ़ा दी है। सूत्रों के अनुसार राज्य के 38482 आंगनबाड़ी में पोषाहार सप्लाई में सबसे बड़ा घोटाला सामने आएगा।