31 मार्च को झारखंड के 60 फीसदी पत्थर खदानों की लीज अवधि हो जाएगी समाप्त, गिट्टी पर भी आफत
241 पत्थर खदानों से प्रति दिन औसतन 32 हजार 322 टन पत्थर का होता है खनन
रांचीः झारखंड के लगभग 60 फीसदी पत्थर खदानों की लीज अवधि 31 मार्च को समाप्त हो जाएगी। बताते चलें कि राज्य की 241 पत्थर खदानों को कोविड के कारण दो साल का अवधि विस्तार दे दिया था। 31 मार्च 2022 को यह अवधि विस्तार भी समाप्त हो जा रहा है। लीज अवधि समाप्त होने के बाद इन पत्थर खदानों में खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध लग जाएगा। इन 241 पत्थर खदानों से प्रति दिन औसतन 32 हजार 322 टन पत्थर का खनन होता है। झारखंड में पत्थर की लगभग 400 खदानें हैं।
अब फिर होगी ई-नीलामी
सरकार सभी पत्थर खदानों की नए सिरे से ई-नीलामी करेगी। इसके लिए भूतत्व निदेशालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। समय रहते अगर सरकार नीलामी नहीं करा पाई तो राज्य में गिट्टी की सप्लाई के साथ-साथ विकास कार्य भी प्रभावित होगा। कोल्हान में सबसे ज्यादा जमशेदपुर में 19 खदानें होंगी बंद
कोल्हान में सबसे ज्यादा गिट्टी या पत्थर खदानें पूर्वी सिंहभूम जिला में हैं। यहां 19 खदानों की लीज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। इसी तरह सरायकेला जिला में 5 और पश्चिम सिंहभूम जिला में 3 पत्थर खदानों की लीज अवधि खत्म हो रही है। पश्चिम सिंहभूम जिले में नोवामुंडी के सरबिल में संचालित क्वलिटी स्टोन, इटरबालजोड़ी में अजय कुमार व मनोहरपुर के मकरंडा में नारायणी संस की पत्थर खदान को 31 मार्च 2022 से खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया है।
क्या है खान एवं भूतत्व विभाग का निर्देश
झारखंड में 31 मार्च 2022 को जिन पत्थर खदानों की लीज समाप्त हो रही है, उन्हें अब ई-नीलामी के जरिए ही बेची जाएगी। खान एवं भूतत्व विभाग के अंतर्गत खान निदेशालय की ओर से मूल्यांकन व नीलामी के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति संबंधित खदानों के नए ब्लाक तैयार कर बहुत जल्द नीलामी के लिए प्रेषित करेगी। हमारी कोशिश रहेगी की ससमय ई-नीलामी कर खदानों को पुन: चालू किया जाय
![](https://i0.wp.com/ganadesh.com/wp-content/uploads/2022/07/5.jpg?fit=1987%2C1286&ssl=1)
![](https://i0.wp.com/ganadesh.com/wp-content/uploads/2022/07/6.jpg?fit=2020%2C1292&ssl=1)